बस्ती को 18 साल से पट्टों का इंतजार, चुनाव तक सीमित शिवराज के वादे, कब मिलेगा समाधान?

मंडीदीप की राहुल नगर बस्ती के लोगों को 18 सालों से जमीन के पट्टे का इंतजार है, जबकि बार-बार चुनावी वादे किए जाते रहे हैं। अब केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को फिर उठाया है और मुख्यमंत्री मोहन यादव से पट्टे देने की अपील की है।

बस्ती को 18 साल से पट्टों का इंतजार, चुनाव तक सीमित शिवराज के वादे, कब मिलेगा समाधान?

भोपाल के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक मंडीदीप 18 सालों से जमीन के पट्टों का इंतजार कर रहा है। जिस क्षेत्र में दवा, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल उद्योगों की जगह है वहां झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। दरअसल मंडीदीप के राहुल नगर बस्ती के कई लोग सालों से जमीन के पट्टे के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी साल 2005 में राहुल नगर के लोगों को पट्टे देने का वादा किया था लेकिन वो आज तक पूरा नहीं हो पाया।

अब एक बार फिर लोगों को पट्टे मिलने की उम्मीद मिली है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर से ये मुद्दा उठाया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से राहुल नगरवासियों को पट्टे देने की अपील की है। हाल ही में ओबेदुल्लागंज में आयोजित रेल कोच निर्माण कारखाने के भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शिवराज सिंह चौहान वहां पहुंचे थे जहां उन्होंने मंडीदीप के राहुल नगर बस्ती के लोगों को पट्टे देने को लेकर अपनी बात रखी।

वादे चुनाव तक सिमित

लेकिन हैरानी की बात है कि 18 साल में भी बीजेपी राहुल नगर के लोगों को पट्टा नहीं दिला पाई। जबकि मंडीदीप के राहुल नगर से हर बार भाजपा को भरपूर वोट मिलते हैं। बावजूद इसके वहां के लोगों को मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। हर बार विधानसभा चुनाव में राहुल नगर की जनता से पट्टे देने का वादा किया जाता है लेकिन ये वादा सिर्फ चुनाव तक ही रहता है।

मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कई बार बस्ती के लोगों को पट्टे देने का वादा किया, कई बार चुनावी मंचों से वादे को दोहराया, लेकिन 18 साल में ना तो कभी राहुल बस्ती के लोगों की स्थिति बदली और ना कोई सुविधाएं मिलीं।

बस्ती में 1000 से ज्यादा परिवार रहते हैं

राहुल नगर बस्ती मंडीदीप नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 18 और 19 में स्थित है। यहां करीब 1000 से ज्यादा परिवार रहते हैं, बस्ती में सिर्फ आवास ही नहीं बल्कि पानी, सड़क, सीवेज, पेयजल जैसी कई समस्याएं हैं।

बस्ती के वन विभाग की जमीन पर बसे होने और इसका एक हिस्सा मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) के अधीन होने के कारण राजस्व विभाग द्वारा पट्टों का आवंटन मुश्किल है। बीते वर्षों में MPIDC ने वन विभाग को दूसरी जमीन देकर यह जमीन अपने अधीन जरूर की है, लेकिन राजस्व विभाग से अभी तक अंतिम स्वीकृति नहीं मिल पाई है। और इन्हीं सब कारणों से लोगों को पट्टे मिलने में समय लग रहा है।