महाकाल मंदिर पर लगा स्वर्ण ध्वज गिरा, पुजारियों ने जताई चिंता, क्या अनिष्ट का संकेत !
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इन दिनों मौसम ने करवट ली है। तेज हवाओं के चलते महाकाल मंदिर में एक अप्रत्याशित घटना घटी है, जिसने भक्तों और प्रशासन दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। मंदिर के शिखर पर स्थापित सोने का ध्वज अचानक गिर पड़ा। पुजारियों ने इसे धार्मिक दृष्टिकोण से असामान्य बताया है और मंदिर प्रशासन ने ध्वज को दोबारा स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है।

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इन दिनों मौसम ने करवट ली है। तेज हवाओं के चलते महाकाल मंदिर में एक अप्रत्याशित घटना घटी है, जिसने भक्तों और प्रशासन दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। मंदिर के शिखर पर स्थापित सोने का ध्वज अचानक गिर पड़ा। पुजारियों ने इसे धार्मिक दृष्टिकोण से असामान्य बताया है और मंदिर प्रशासन ने ध्वज को दोबारा स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
महाकाल मंदिर पर लगा स्वर्ण ध्वज गिरा
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में बीते दिनों एक दुर्लभ घटना सामने आई। तेज हवा के झोंकों से मंदिर शिखर पर स्थापित सोने की ध्वजा नीचे गिर गई। यह घटना उस समय हुई जब सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर में उपस्थित थे। सौभाग्यवश, इसमें कोई घायल नहीं हुआ।
तेज हवा के चलते गिरा ध्वज
मौसम विभाग के अनुसार, उस समय उज्जैन में 16 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी। इसी हवा की वजह से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का ध्वज ढीला होकर गिर गया। यह ध्वज वर्षों से आस्था का प्रतीक रहा है, जिसे विशेष धार्मिक विधि से स्थापित किया गया था।
धार्मिक दृष्टिकोण और पुजारियों की चिंता
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी महेश गुरु ने बताया कि शिखर पर स्थित ध्वजा का गिरना अशुभ संकेत माना जाता है, हालांकि बाबा महाकाल स्वयं सभी अनिष्टों का नाश करने वाले हैं। उन्होंने भक्तों से भक्ति, पाठ और ध्यान करने की अपील की है।
कालों के काल हैं बाबा महाकाल
इस घटना को मंदिर के महेश पुजारी बताते हैं कि बाबा महाकाल खुद कालों के काल हैं। वे खुद सभी प्रकार की विपत्तियां को दूर करने वाले हैं, परंतु शिखर का ध्वज गिरने की घटना को यदि अनिष्ट माना जाए तो इसके लिए सभी को भक्ति भाव पूजन पाठ व ध्यान करना चाहिए।
प्रशासन की सतर्कता पर सवाल
इस घटना के बाद लोगों में मंदिर प्रशासन की सतर्कता और रखरखाव को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भक्तों की सुरक्षा और धार्मिक प्रतीकों के संरक्षण को लेकर अब प्रशासन ज्यादा सतर्कता बरत रहा है।