अपनी जमा राशि वापसी के लिए खातेदारों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
जिला सहकारी बैंक में जमा अपनी पूंजी पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हितग्राही, बैंक से लेकर रीवा मऊगंज दौड़ लगाते 2 वर्ष गुजर गए लेकिन वापस नहीं हुई खून पसीने की कमाई

राजेंद्र पयासी-मऊगंज
मऊगंज जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की शाखा पहाड़ी अंतर्गत कृषि सहकारी समिति हर्दी, गौरी, टटिहरा, एवं देवरा पटेहरा द्वारा संचालित बैंक खातों में बचत खाता धारकों द्वारा जमा की गई करीब 7 करोड रुपए की राशि हितग्राहियों के खाते से विभाग द्वारा हेरा फेरी करने के मामले में आज तक ना तो दोषियों पर कार्यवाही की गई और न ही हितग्राहियों को अपनी जमा पूंजी मिल पाई। जिसके कारण अपनी ही जमा पूंजी पाने के लिए 2 वर्ष से हितग्राही बैंक एवं रीवा तथा मऊगंज कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं लेकिन आज तक मेहनत कर कमाई गई बैंक में जमा पूंजी की वापसी नहीं हो पाई। इस अंतराल में उच्च अधिकारियों द्वारा किए गए जांच उपरांत कोई ठोस निर्णय भी नहीं लिए गए जिसके कारण हितग्राही दर-दर की ठोकने खाने को मजबूर है।
गौरतलब है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रीवा की शाखा पहाड़ी जिला मऊगंज अंतर्गत कृषि सहकारी समिति हर्दी, गौरी, टटिहरा, एवं देवरा पटेहरा द्वारा संचालित बैंक खातों में करीब 3000 लोगों की जमा पूंजी आज तक वापस नहीं मिल पा रही है।
बैंक में जमा पूंजी पाने एवं हक व अधिकार के लिए बीते दो वर्ष से विभाग से लेकर कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं लेकिन खाता धारकों को आश्वासन के सिवाय आज तक पूर्णकालिक परिणाम नहीं मिला। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि गरीबों के हक की बात करने वाली सरकार में ही गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है देखना अब यह होगा की इन गरीबों को कब तक न्याय मिलता है।
अपनी जमा पहुंची ना मिलने से परेशान हितग्राही मंगलवार को मऊगंज कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को अपनी समस्या सुनाई। कलेक्टर संजय कुमार जैन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्यवाही कर जमा पूंजी वापस दिलाने की बात कही है ।
बैंक में राशि न मिलने से परेशान हितग्राहियों ने की थी शिकायत-
बैंक में जमा पहुंची वापस न होने से परेशान हितग्राही भगवान दास द्विवेदी ने बताया कि 2 लाख हमारे जमा है। ढाई लाख रुपए हमारी पत्नी के नाम से बैंक में जमा है कई बार चक्कर लगाए तब पता चला कि हमारे जैसे हजारों हितग्राहियों का पैसा नहीं मिल रहा है। तब हम लोग एकत्रित होकर 11 अप्रैल 2023 को कलेक्टर रीवा से शिकायत दर्ज कराई। जांच कराने की बात कही गई लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 20 जून 2023 को हितग्राहियों के साथ उपायुक्त सहकारिता रीवा में जाकर पुनः शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 16 फरवरी 2024 को तत्कालीन मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के पास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई गई। कलेक्टर ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए जिला सहकारी विभाग रीवा को पत्र लिखा और जांच करने की बात कही। उनके द्वारा भेजे गए पत्र के बाद 20 मार्च 2024 को हितग्राहियों रीवा बुलाया गया। जहां जैनेंद्र पांडेय शाखा प्रबंधक से हितग्राहियों की मुलाकात हुई लेकिन निराकरण नहीं हो पाया। पीड़ित ग्रहों ने बताया कि उसे दौरान शाखा प्रबंधक ज्ञानेंद्र पांडेय ने गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि आप लोगों का पैसा आलू टमाटर की तरह सड़ गया है उसे अब आप लोग भूल जाइए उसके लिए राम-राम कहिए मिलने वाला नहीं है। शाखा प्रबंधक द्वारा दिए गए जवाब से परेशान होकर हितग्राही रीवा से लौटने के बाद क्षेत्र विधायक प्रदीप पटेल से मिले और अपनी व्यथा सुनाई। विधायक प्रदीप पटेल भी 19 जून 2024 को डीआर (डिप्टी रजिस्ट्रार) कार्यालय रीवा पहुंचे पीड़ितों की राशि दिलाने हेतु अधिकारियों से बात किए लेकिन परिणाम अच्छे नहीं निकले।
मामले में विधायक प्रदीप पटेल भी दे चुके हैं धरना-
खाता धारकों की समस्या को लेकर विधायक के साथ 19 जून 24 डीआर ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए 20 जून तक बैठे रहे। विधायक प्रदीप पटेल ने इसकी शिकायत सीएम से की सीएम ने कहा कि आप लोग धरना समाप्त कर दीजिए मैं जांच अधिकारी भेज रहा हूं फिर तीन सदस्यीय टीम द्वारा जांच कराई गई। जांच के बाद सेवा सहकारी समिति हर्दी नंबर 01 के सहायक समिति प्रबंधक राजीव लोचन शुक्ला को बर्खास्त कर दिया गया।
जांच तो हुई लेकिन कार्यवाही नहीं हुई-
जांच टीम द्वारा जांच की गई जांच में व्यापक धांधली सामने आई, करोड़ों रुपए का गवन के मामला उजागर हुआ। लेकिन जांच टीम की गई जांच का कोई ठोस परिणाम आज तक नहीं आया क्योंकि आज तक हितग्राहियों की जमा पूंजी वापस नहीं हो पाई। सवाल यह उठता है कि पूंजी वापसी ना होने से परेशान हितग्राही अपनी पीड़ा किसे सुनाए ? क्योंकि 2 वर्ष बीत गया अपनी ही पूंजी के लिए कार्यालय का चक्कर काट काट कर थक चुके हैं अब तो सरकार पर से भी इनका भरोसा उठ रहा है। जब जिला सहकारी बैंक का यह हाल है कि सीएम के आदेश के बाद भी जांच उपरांत कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आखिर जिम्मेदार किसकी सुनेंगे।
इन समितियों में हुआ जमा फौजी का हेरफेर -
मऊगंज जिले के हनुमना खाद्य निरीक्षक अनिल गुप्ता द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सेवा सहकारी समिति हर्दी में 4 करोड़ 50 लाख, गौरी में एक करोड़ 50 लाख,देवरा पटेहरा में लगभग 45 लाख लाख,टटिहरा में 35 लाख, हटवा में 16 लाख इस तरह कुल 6 करोड़ 96 लाख खाता धारकों की देनदारिया बाकी है। जांच उपरांत यह भी सामने आया है कि हितग्राहियों की जमा राशि सम्बंधित बैंक खाते में नहीं है जिस विषय विभाग द्वारा जांच कराई जा रही है।
ऐसे हुआ सहकारी बैंक शाखाओं में भ्रष्टाचार-
विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सहकारी समिति हर्दी में 40 लाख का गोदाम बनाया गया है। जिसमें शासन के स्वीकृत के बाद 40 लाख रुपए का भुगतान भी किया गया। वहीं हर्दी समिति के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा फर्जी तरीके से 70 लाख रुपए का गोदाम निर्माण के नाम पर अतिरिक्त भुगतान दिखाकर राशि आहरित कर ली गई। जिसकी जांच कराई जा रही है