MP News: भोपाल में ब्लैकमेलिंग का नया तरीका: पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ली 10 लाख की फिरौती
राजधानी भोपाल में ब्लैकमेलरों ने युवक को रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय की पार्किंग में 10 लाख रुपए ऐंठ लिए। आरोपियों ने खुद को अधिकारी बताकर विश्वास जीता और डिलीवरी बॉय के जरिए पैसे मंगवाए। पूरी घटना CCTV में कैद हुई, फिर भी चार महीने बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। लड़की का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।

BHOPAL. राजधानी भोपाल में ब्लैकमेलिंग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें ब्लैकमेलरों ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय की पार्किंग में एक युवक से 10 लाख रुपये की फिरौती वसूली। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह दिखाती है कि अपराधी किस हद तक जाकर अपनी साजिशों को अंजाम दे रहे हैं।
5 हजार में किराए पर लिया डिलीवरी बॉय, CCTV में कैद
ब्लैकमेलरों ने 10 लाख रुपये की रकम लेने के लिए 5 हजार रुपये में एक डिलीवरी बॉय को हायर किया था। यह पूरी घटना पुलिस कमिश्नर कार्यालय के CCTV कैमरों में कैद हो गई है। डिलीवरी बॉय की पहचान बजरंगी के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ एमपी नगर थाने में पूर्व में 34(2) का केस दर्ज है।
झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी, फिरौती वसूली
बरेली निवासी जीतू धाकड़ और सचिन पटेल नामक ब्लैकमेलरों ने पीड़ित युवक को एक लड़की के नाम पर रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। आरोपियों ने लड़की को अपना परिचित बताया और मामला रफा-दफा करने के नाम पर 10 लाख रुपये की डील की।
पुलिस अधिकारी बनकर किया विश्वास
सचिन पटेल ने खुद को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ अधिकारी बताया और पीड़ित युवक का विश्वास जीतकर उसी कार्यालय की सीढ़ियों पर खड़े होकर डिलीवरी बॉय से रुपये मंगवाए। इस दौरान दोनों आरोपी पीड़ित और डिलीवरी बॉय की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे।
CDR और फुटेज से खुलासा, फिर भी दर्ज नहीं हुई FIR
घटना के बाद पुलिस कमिश्नर कार्यालय के CCTV फुटेज और डिलीवरी बॉय के बयानों में ब्लैकमेलिंग की पुष्टि हो चुकी है। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से भी पूरी साजिश का खुलासा हो चुका है। इसके बावजूद पीड़ित युवक पिछले चार महीनों से थानों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं की गई है।
लड़की बेगुनाह, पूरे मामले से नहीं है कोई लेना-देना
जांच में यह भी सामने आया है कि जिस लड़की के नाम पर ब्लैकमेलिंग की गई, उसका इस पूरे घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है। उसे ब्लैकमेलरों ने केवल एक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया।