MP में मैनुअल स्टाम्प पेपर होंगे बंद, सिर्फ ई-स्टाम्प सिस्टम रहेगा लागू

मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में मैनुअल यानी कागजी स्टाम्प पेपर की व्यवस्था को पूरी तरह बंद करने जा रही है. सरकार की योजना है कि आने वाले कुछ महीनों में पूरे राज्य में केवल ई-स्टाम्प (E-Stamp) सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाए

MP में मैनुअल स्टाम्प पेपर होंगे बंद, सिर्फ ई-स्टाम्प सिस्टम रहेगा लागू
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मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में मैनुअल यानी कागजी स्टाम्प पेपर की व्यवस्था को पूरी तरह बंद करने जा रही है. सरकार की योजना है कि आने वाले कुछ महीनों में पूरे राज्य में केवल ई-स्टाम्प (E-Stamp) सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाए. इससे सरकार को हर साल करीब 34 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है, जो अभी तक स्टाम्प की छपाई, परिवहन और सुरक्षा पर खर्च किए जाते हैं.

डिजिटल होगा दस्तावेजों का सत्यापन

अब जमीन, मकान की रजिस्ट्री, किरायानामा, शपथ-पत्र जैसे दस्तावेजों के लिए जरूरी स्टाम्प पेपर केवल डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होंगे। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने इस प्रस्ताव को सरकार को भेज दिया है और मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

2015 में ही हो चुकी थी शुरुआत

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ही 100 रुपये से अधिक मूल्य के स्टाम्प पेपर की छपाई बंद कर दी गई थी। तब से अब तक ऐसे स्टाम्प केवल डिजिटल रूप में ही जारी किए जा रहे हैं। अब सरकार शेष बचे 100 रुपये तक के कागजी स्टाम्प पेपर को भी समाप्त करने जा रही है।

क्या बदलेगा आम जनता के लिए?

आम लोगों को अब स्टाम्प वेंडर के पास जाकर पेपर खरीदने की जरूरत नहीं होगी. ई-स्टाम्प ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध होंगे और इन्हें कहीं से भी जनरेट किया जा सकेगा. प्रक्रिया पारदर्शी होगी और जालसाजी की संभावना भी कम हो जाएगी.

सरकार को होगी करोड़ों की बचत

स्टाम्प पेपर की छपाई, भंडारण और वेंडर्स तक पहुंचाने की प्रक्रिया में सरकार को हर साल 30 से 35 करोड़ रुपये तक का खर्च उठाना पड़ता है. ई-स्टाम्प प्रणाली अपनाने से यह खर्च पूरी तरह खत्म हो जाएगा.