रीवा न्यायालय नए भवन में शिफ्ट, अधिवक्ताओं में अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी

करीब 95.93 करोड़ की लागत से बना रीवा का नया न्यायालय परिसर सोमवार से शुरू हो गया है। पुराने कोर्ट भवन को छोड़ते वक्त अधिवक्ताओं की आंखें नम थीं, लेकिन नए भवन में पहले ही दिन सुविधाओं की कमी से नाराजगी साफ दिखी।

रीवा न्यायालय नए भवन में शिफ्ट, अधिवक्ताओं में अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी

रीवा। लंबे इंतजार के बाद रीवा जिला न्यायालय ने सोमवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के पास बने नए सर्वसुविधायुक्त भवन में कामकाज शुरू कर दिया। करीब 95.93 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भव्य न्यायिक परिसर में कुल 40 कोर्ट रूम, न्यायाधीशों के चेंबर, वकीलों के लिए चेंबर और सर्विस ब्लॉक शामिल हैं।

हालांकि पहले ही दिन कई मूलभूत सुविधाओं की कमी ने अधिवक्ताओं की नाराजगी बढ़ा दी। बता दे करीब 75 से 80 साल पुराने पुराने न्यायालय भवन को छोड़ते वक्त अधिवक्ताओं की आंखें नम हो गईं। वर्षों तक जिस भवन में उन्होंने न्याय की लड़ाई लड़ी, उससे विदा लेने से पहले कई अधिवक्ताओं ने उसे दंडवत नमन किया.

जिसके बाद नए परिसर में अधिवक्ताओं का पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया और न्यायाधीशों ने विभिन्न कोर्ट रूम्स में सुनवाई शुरू की। लेकिन वकीलों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण अधिकांश अधिवक्ता इधर-उधर खड़े रहे या नए भवन का निरीक्षण करते नजर आए।

वकीलों का कहना था कि यदि वकील चेंबर और कोर्ट बिल्डिंग को एक साथ जोड़ने की व्यवस्था होती तो आवाजाही अधिक सुविधाजनक हो जाती। फिलहाल वकीलों को अलग-अलग जगहों पर भटकना पड़ रहा है। पहले दिन अधिवक्ता सुविधाओं के लिए दर-दर भटकते हुए दिखाई दिए। कुछ अधिवक्ता परेशान होकर पुराने भवन में आकर अपना कामकाज किया।

सुविधाएं बनीं सिरदर्द

भले ही इस आधुनिक भवन में 750 से अधिक अधिवक्ताओं के लिए 36 हॉल, ड्राइवर और पक्षकारों के लिए अलग से बैठक व्यवस्था, सर्विस बिल्डिंग में बैंक, एटीएम, पोस्ट ऑफिस और मेडिकल सुविधाएं प्रस्तावित हैं, लेकिन सोमवार को न तो पीने के पानी की व्यवस्था थी और न ही पार्किंग की कोई ठोस व्यवस्था।

एकमात्र जलस्रोत के रूप में एक टैंकर परिसर में खड़ा किया गया था। वहीं पार्किंग के लिए व्यवस्था न होने के कारण  फोर व्हीलर गाड़ियाँ सड़कों पर खड़ी करनी पड़ीं।

वकीलों को अभी चेंबर का इंतजार

न्यायालय परिसर में वकीलों के लिए अलग से एक विशाल भवन का निर्माण किया गया है, लेकिन अब तक चेंबर अलॉट नहीं किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, अधिवक्ताओं की सूची हाईकोर्ट को भेजी जा चुकी है और वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही चेंबर का आवंटन किया जाएगा। इस समय तक वह इमारत ताले में बंद है।