सड़क नहीं, कंधों पर जीवन का बोझ, हार्ट अटैक के बाद बुजुर्ग को खाट पर 4 किमी पैदल ले गए परिजन

रीवा जिले के गंगेव जनपद अंतर्गत बहेरा लखन खोरिहान गांव की बदहाल स्थिति एक बार फिर उजागर हुई है। गांव में सड़क न होने की वजह से गुरुवार को हार्ट अटैक से पीड़ित 60 वर्षीय बुजुर्ग रुचाराम शर्मा को उनके परिजनों ने खाट पर लिटाकर चार किलोमीटर पैदल मुख्य सड़क तक पहुंचाया।

सड़क नहीं, कंधों पर जीवन का बोझ, हार्ट अटैक के बाद बुजुर्ग को खाट पर 4 किमी पैदल ले गए परिजन

रीवा। जिले के गंगेव जनपद पंचायत अंतर्गत बहेरा लखन खोरिहान गांव एक बार फिर ग्रामीण बदहाली की तस्वीर बनकर सामने आया है। गांव में सड़क नहीं होने की वजह से गुरुवार को एक बुजुर्ग को हार्ट अटैक आने पर परिजन खाट पर लिटाकर चार किलोमीटर तक पैदल ले जाने को मजबूर हो गए।

कीचड़, नाले और पथरीले रास्तों को पार करते हुए परिजनों ने उन्हें मुख्य सड़क तक पहुंचाया, जहां से निजी वाहन से रीवा के संजय गांधी अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। पीड़ित बुजुर्ग की पहचान 60 वर्षीय रुचाराम शर्मा के रूप में हुई है।

अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन सड़क न होने से वाहन गांव तक नहीं पहुंच सका। इसके बाद परिवार वालों ने गांव के कुछ लोगों की मदद से खाट पर उन्हें उठाया और करीब चार किलोमीटर पैदल मुख्य मार्ग तक लाए।

घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद पूरे जिले में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। वायरल वीडियो में ग्रामीण बुजुर्ग को खाट पर लेकर जलभराव, कीचड़ और उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते नजर आ रहे हैं। पीछे महिलाएं और बच्चे भय और लाचारी की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं।

वर्षों से उठती रही है मांग, नहीं हुई सुनवाई

गांव के निवासी वंशपति साकेत ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। मेरी बहू को प्रसव पीड़ा हुई थी, तो उसे भी इसी तरह खाट पर उठाकर ले जाना पड़ा था। पिछले वर्ष एक अन्य मरीज की समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण जान जा चुकी है। 

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की चुप्पी

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इस सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। पंचायत और जनपद स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक आवेदन दिए गए, पर स्थिति जस की तस है।