'ऑपरेशन केलर': शोपियां में भारतीय सेना का आतंक पर करारा प्रहार, अब तक 3 आतंकी ढेर
भारतीय सेना ने शोपियां के शोकल केलर गांव में ‘ऑपरेशन केलर’ शुरू कर अब तक लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया है। यह इलाका घने जंगलों और पीर पंजाल की पहाड़ियों के पास होने के कारण आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। सेना का यह ऑपरेशन अभी जारी है और आतंकियों के पूरी तरह सफाए तक चलता रहेगा।

भारतीय सेना ने 13 मई को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक बड़ा सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन केलर’ शुरू किया है। यह ऑपरेशन शोपियां के शोकल केलर गांव के आसपास के घने जंगलों में चलाया जा रहा है, जहां खुफिया इनपुट्स के आधार पर आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। अभियान के दौरान अब तक लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
यह ऑपरेशन सेना की राष्ट्रीय रायफल्स (RR) यूनिट द्वारा ‘सर्च एंड डिस्ट्रॉय’ रणनीति के तहत अंजाम दिया जा रहा है, जिसका लक्ष्य आतंकियों को चिन्हित कर उन्हें खत्म करना है।
क्यों रखा गया ऑपरेशन का नाम 'केलर'?
इस सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन केलर’ नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह अभियान शोकल केलर गांव और उसके आसपास के केलर ब्लॉक में चलाया जा रहा है। यह इलाका शोपियां कस्बे से करीब 12.5 किलोमीटर और श्रीनगर से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का सुखरू फॉरेस्ट क्षेत्र घने जंगलों और मुश्किल भूगोल के कारण आतंकियों के छिपने के लिए उपयुक्त माना जाता है। शोपियां, अपनी भौगोलिक बनावट और जंगलों की वजह से आतंकियों के लिए सुरक्षित आश्रय बना हुआ है। यह जिला पीर पंजाल की पहाड़ियों के पास स्थित है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से घुसपैठ का प्रमुख मार्ग है। यहां के घने जंगल, सेब के बागान और पर्याप्त सड़क कनेक्टिविटी आतंकियों के लिए इसे सुरक्षित लॉजिस्टिक हब बनाते हैं।
ऑपरेशन केलर कब तक चलेगा?
इस ऑपरेशन की कोई तय समयसीमा नहीं है। सेना ने फिलहाल इसे ओपन-एंडेड मिशन के रूप में जारी रखा है। अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया है, और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। सेना की रणनीति साफ है— जब तक इलाके को पूरी तरह आतंकमुक्त नहीं किया जाता, अभियान नहीं रुकेगा।