CM राइज स्कूल में मिड-डे मील का घोटाला, बच्चों को परोसा गया पानी जैसा खाना
चाकघाट स्थित सीएम राइज विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में मिड-डे मील योजना की पोल खुलती नजर आ रही है, जिसमें बच्चों को बेहद खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिया गया। दाल और सब्जी पानी जैसी थी, जबकि चावल अधपका था। कुछ बच्चों ने खाना खाने के बजाय गाय को खिला दिया। भोजन बांटने वाली महिला कैमरे को देखकर घबरा गई और खाना छिपाने की कोशिश करने लगी।
रीवा मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर मौजूद चाकघाट सीएम राइज विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें बच्चों को खाने के नाम पर पानी वाली दाल और सब्जी दी गई। वहीं बच्चों ने चावल को कच्चा बताया। यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैमरे को देखकर खाना बांटने वाली महिला घबरा गई और लाइन में लगे बच्चों को खाना परोसने की जगह पहले एक वर्तन से दाल और सब्जी का पानी निकालकर पानी फेंकने लगी। हालात ये थे कि दाल में न दाल दिख रही थी और सब्जी में न आलू।

यानी खाने के नाम पर केवल और केवल पानी ही पानी। अब इस वायरल वीडियो ने शासन की उस योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है जिसमें बच्चों को स्कूलों में मुफ्त में गुणवत्ता पूर्ण भोजन देने का दावा किया जाता है।
बच्चों को पानी जैसी दाल, पानी जैसी सब्जी, आधा पका हुआ चावल भोजन में दिया जा रहा है। जिसे कुछ बच्चे गाय को खिलाते हुए नजर आए।

स्थानीय निवासी शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि ऐसा भोजन बच्चों को खिलाया जा रहा है,जो कि जानवरों को भी खिलाने लायक नहीं है। जिस तरह से यह वीडियो देखने को मिली है। यह केवल एक विद्यालय की बात नहीं है। अधिकांश शासकीय विद्यालयों की यही स्थिति है।

जहां सरकार जहां बच्चों की बेहतर शिक्षा और पोषण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं ऊपर से नीच तक बच्चों के निवाले का पैसा बंदरबाट किया जा रहा है। बच्चों को दाल और सब्जी के नाम पानी दिया जा रहा है। 
क्या यह उनकी गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है या उनमें हीन भावना का संचार किया जा रहा है। वहीं प्रशासन इस तरह से मूकदर्शक बना हुआ है। जैसे कि प्रशासन ने खुद ही संरक्षण दे रखा हो।
Saba Rasool 
