सेहत से खिलवाड़, मऊगंज में बेहतर चिकित्सा के सरकारी दावे झूठे

सीएचसी नईगढ़ी में एक चिकित्सक के भरोसे 300 गांवों की जनता

सेहत से खिलवाड़, मऊगंज में बेहतर चिकित्सा के सरकारी दावे झूठे

राजेंद्र पयासी मऊगंज

मऊगंज तो जिला बना दिया गया लेकिन जिला बनने के ठीक 22 महीने बाद भी हालत जैसे के तैसे है आज भी जिले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सिवाय अन्य कार्यालय तक नहीं खुल पाए। स्वास्थ्य शिक्षा आबकारी आदि जैसे विभाग आज भी रीवा से संचालित हो रहे हैं। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर वही पुराने सिस्टम अभी भी चल रहे हैं। कहने के लिए तो मऊगंज जिला चिकित्सालय के रूप में उन्नयन हो गया लेकिन आज भी सिविल अस्पताल जैसे ही हालत है उधर हनुमना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की भी स्थिति पुरानी ही तरह चल रही है क्योंकि आज भी स्वास्थ्य विभाग का संचालन रीवा से हो रहा है इधर जिले का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी चिकित्सक विहीन स्थिति में पहुंच चुका है।


जमीनी हकीकत देखी जाए तो स्वास्थ्य विभाग के बेहतर चिकित्सा के दावे मऊगंज जिले का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी झुठला रहा है वर्तमान हालात यह है कि इकलौते ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के भरोसे यह अस्पताल चल रहा है कहने के लिए तो सामुदायिक नईगढ़ी में 5 चिकित्सकों की पदस्थापना होनी चाहिए लेकिन वर्तमान स्थिति में एक ही चिकित्सक के भरोसे क्षेत्र के 300 से अधिक ग्रामों की जनता का उपचार व्यवस्था चल रही है। 
बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी में चार चिकित्सकों की पद स्थापना थी बीते 3 महीने के अंतराल में दो चिकित्सक पीजी करने चले गए एक महिला चिकित्सक अवकाश पर चल रही हैं अब वर्तमान स्थिति में मात्र एक चिकित्सक के भरोसे मरीजों की सेवा चल रही है। वैसे तो एक नहीं सैकड़ो बार स्थानीय लोगों द्वारा शासन प्रशासन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में  श्रिजित पद के अनुसार कर्मचारियों की पदस्थापना कराए जाने की गुहार लगाई गई लेकिन आज तक जनता की समस्या को नहीं सुना गया।

फार्मासिस्ट नर्सिंग ऑफिसर के भरोसे स्वास्थ्य सेवा-

नवगठित मऊगंज जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी के वर्तमान हालात शासन की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलते नजर आते हैं हालत यह है कि इतनी बड़ी आबादी के बीच एकलौता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के कारण मरीजों की संख्या खास तौर से जून जुलाई के महीने में ज्यादा होती है लेकिन वर्तमान दौर में एक ही चिकित्सक की पदस्थापना से स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी हैं हालात कुछ इस तरह है कि यदि बीएमओ यानी पदस्थ चिकित्सक को शासकीय मीटिंग क्षेत्र भ्रमण या फिर न्यायालय पेशी में जाना होता है तो अस्पताल की पूरी स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था का दायित्व फार्मासिस्ट एवं नर्सिंग ऑफीसर्स के भरोसे होता है। ऐसा भी नहीं की विभाग के अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी की वर्तमान स्थिति को नहीं जानते बल्कि जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

ड्रेसर चपरासी वार्ड बॉय कि नहीं हुई नियुक्ति

नवगठित मऊगंज जिले का 6 दशक  पुराना 300 ग्रामों की जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी पर्याप्त स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। आलम यह है कि आज तक सामुदायिक स्वास्थ्य नईगढ़ी में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो पाई और तो और बीते एक दशक से ड्रेसर जैसा महत्वपूर्ण पद खाली पड़ा हुआ है। ड्रेसर की कमी आए दिन क्षेत्र की जनता के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। हालात कुछ इस कदर निर्मित होते हैं कि ओपीडी में बैठे चिकित्सकों या फिर ऐसे व्यक्तियों को ड्रेसिंग का कार्य देखना पड़ता है जिनके पास अनुभव तो है लेकिन डिग्री नहीं, और ना ही ड्रेसर के रूप में पदस्थापना। कमोबेश इसी तरह महिला एवं पुरुष वार्ड बॉय तक की नियुक्ति नहीं हुई। स्टाफ की कमी के कारण खासतौर से ड्रेसर एवं वार्ड बॉय जैसे मरीजों के नजदीक रहने वाले कर्मचारियों की कमी के कारण आए दिन विवादित स्थितियां भी निर्मित होती है होता कुछ इस कदर है कि यदि किसी भी व्यक्ति के चोट लग जाती है या मारपीट एक्सीडेंटल जैसी घटनाएं अचानक निर्मित होती है और मरीजों की संख्या बढ़ जाती है तो मरीजों के साथ आए अटेंडरों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बनना आम बात हो गई है।ऐसा भी नहीं की आम जनमानस एवं क्षेत्र के समाजसेवियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी में ड्रेसर वार्ड बॉय सहित स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के नियुक्ति का मामला नहीं उठाया गया बल्कि हकीकत है कि क्षेत्र के जनता की समस्या पर आज तक शासन प्रशासन का ध्यान नहीं गया। जिसका परिणाम है कि इतनी बड़ी आबादी को चिकित्सकीय सुविधा देने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी में पर्याप्त चिकित्सकों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों का टोटा लगा हुआ है।