मध्यप्रदेश में मानसून ने पकड़ी रफ्तार: 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, इंदौर में 4 इंच तक पानी गिरने की संभावना
मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होते ही तेज बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और अन्य 25 से ज्यादा जिलों में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने सोमवार को भी इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की है और राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश (Heavy Rain) का रेड अलर्ट जारी किया है।

मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होते ही तेज बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और अन्य 25 से ज्यादा जिलों में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने सोमवार को भी इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की है और राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश (Heavy Rain) का रेड अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, सोमवार को जिन जिलों में भारी बारिश की संभावना है, उनमें ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटे में साढ़े चार इंच (115 मिमी) तक बारिश हो सकती है।
वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर सहित अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश की संभावना है, लेकिन इन क्षेत्रों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इंदौर में जून में गिरा तापमान, बारिश ने राहत दी
इंदौर में जून के महीने में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले पांच वर्षों – 2020 से 2024 के दौरान – शहर में जून में तापमान 39.6 से 41.1 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। 2024 में यह आंकड़ा 40.6 डिग्री तक पहुंचा था। वहीं, मानसून की शुरुआत के साथ ही इस बार जून में औसतन 20 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है।
पिछले वर्ष जून में इंदौर में करीब 4 इंच बारिश दर्ज की गई थी। ऐतिहासिक आंकड़ों की बात करें तो साल 1980 में जून महीने में सबसे ज्यादा 17 इंच से अधिक पानी बरसा था। जबकि एक दिन में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था।
तापमान के चरम की बात करें तो इंदौर में 3 जून 1991 को पारा 45.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था, जो अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। वहीं 12 जून 1958 को सबसे ठंडा जून का दिन दर्ज हुआ था, जब न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस रहा।
क्या कहता है मौसम विभाग?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आ रही है, जिससे मानसून प्रदेश में सक्रिय हुआ है। अगले कुछ दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव और किसानों को फसलों की देखरेख के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।