INDORE COOL CONCLAVE 2.0, शहरों के लिए क्लाइमेट एक्शन प्लान और कार्बन एमिशन घटाने पर जोर

इंदौर में आयोजित कूल कॉन्क्लेव 2.0 में शहरों के लिए क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार करने और कार्बन एमिशन घटाने पर जोर दिया गया है.कार्बन एमिशन क्या है जाने आज के एक्सप्लेनेर में.

INDORE COOL CONCLAVE 2.0, शहरों के लिए क्लाइमेट एक्शन प्लान और कार्बन एमिशन घटाने पर जोर

इंदौर में इन दिनों कूल कॉन्क्लेव 2.0 चल रहा है। 31 जुलाई से शुरू हुआ ये कॉन्क्लेव 3 दिनों तक चलेगा। आज इस कॉन्क्लेव का दूसरा दिन है। आज कॉन्क्लेव में ये तय किया गया कि क्लाइमेट एक्शन प्लान फॉर सिटी के तहत अब कार्बन एमिशन को कम करने के लिए देश के साथ-साथ अब हर शहर क्लाइमेट एक्शन प्लान बनाएंगे। हालांकि ये पहले से ही इंदौर करता आ रहा है।

इस कॉन्क्लेव के दौरान इंदौर के मेयर ने कहा कि एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के चेतन सोलंकी के साथ मिलकर उन्होंने इंदौर में बिजली बचाने के लिए पहल की, जिसके तहत इंदौर के बिजली बिल में 10% की गिरावट दर्ज की गई है। इससे लगभग एक करोड़ यूनिट बिजली की बचत की गई। उन्होंने आगे कहा कि 10% बिजली बिल बचाने का मतलब है 12 लाख 40 हजार पेड़ों को बचाना।

कूल कॉन्क्लेव 2.0

कूल कॉन्क्लेव एक आयोजन है जो कि इंदौर में 31 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगा। यह आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (ISHRAE) द्वारा आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य कार्बन एमिशन को कम करना और सस्टेनेबिलिटी को प्रमोट करना है। इस कॉन्क्लेव में अलग-अलग विषयों पर 12 सत्र होंगे, जिसमें उद्योग जगत के नेता और विशेषज्ञ शामिल होंगे।

कार्बन एमिशन (Carbon Emission) क्या है?

इस कॉन्क्लेव में कार्बन एमिशन को कम करने पर फोकस किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्बन एमिशन क्या होता है? वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कार्बन एमिशन कहलाता है। कार्बन एमिशन मुख्यतः उद्योगों द्वारा किया जाता है। ये जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोलियम, और प्राकृतिक गैस के उत्सर्जन और पेड़ों की कटाई की वजह से होता है। कार्बन एमिशन से ग्रीनहाउस इफेक्ट, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं होती हैं।

इस कॉन्क्लेव में कार्बन एमिशन को कम करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है ताकि हर शहर कार्बन एमिशन को कम करे और ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याएं कम हो सकें। इंदौर की बात की जाए तो इंदौर हमेशा से ही स्वच्छता में नंबर 1 रहा है। और इसी के साथ इंदौर कार्बन एमिशन को लेकर भी काम कर रहा है।

कार्बन न्यूट्रल क्या है?

कॉन्क्लेव में कार्बन न्यूट्रल के उपयोग पर भी जोर दिया गया है। कार्बन न्यूट्रल का मतलब होता है कि व्यक्ति, कंपनी या फिर एक देश वायुमंडल में जितना कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है उतनी ही मात्रा में उस देश या कंपनी को वायुमंडल में CO2 को संतुलित करने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं। आसान भाषा में कहें तो जितना प्रदूषण आप करोगे, उतना ही आपको मेंटेन भी करना होगा, अब चाहे आप पेड़ लगाकर करो या फिर कार्बन क्रेडिट्स से करो।