चुनाव आयोग पर भड़के तेजस्वी यादव, वोटर लिस्ट से नाम काटने का लगाया आरोप, आयोग ने किया खंडन

इलेक्शन कमीशन पर तेजस्वी यादव का आरोप, आयोग ने जारी किया नाम वाली लिस्ट

चुनाव आयोग पर भड़के तेजस्वी यादव, वोटर लिस्ट से नाम काटने का लगाया आरोप, आयोग ने किया खंडन

Tejashwi Yadav: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य (SIR) को लेकर आए दिन नाए विवाद सामने आ रहे है. पुनरीक्षण कार्य का पहला चरण पूरा हो गया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी ड्राफ्ट रोल को लेकर बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद आयोग ने इसका खंडन किया और  उनके बयान को बेबुनियाद बताया और सबूत के तौर पर एक डाफ्ट साझा किया जिसमें तेजस्वी का नाम दिख रहा है.  

बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य (SIR) का पहला चरण पूरा कर लिया गया है. चुनाव को आयोज ने 1 अगस्त को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया. जिसके बाद RJD नेता तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा.कि उनके यहां BLO आईं थीं.  उन्होंने वेरिफिकेशन का काम किया था. इसके बावजूद वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है. तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि जब लिस्ट में मेरा नाम नहीं है. तो मैं चुनाव कैसे लडुंगा. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरी पत्नी का भी लिस्ट में नाम नहीं है. इस दौरान उन्होने अपना वोटर आईडी कार्ड दिखाया और  इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर EPIC  नंबर से अपना नाम खोजने की कोशिश की.तो रिजल्ट में लिखा आया, ‘NO RECORDS FOUND.’ जिसे उन्होंने अपने मोबाइल स्क्रीन पर दिखाया.

चुनाव आयोग ने दी प्रतिक्रिया  

RJD नेता तेजस्वी यादव के आरोप जब सुर्खियां बनने लगे तो. तो चुनाव आयोग ने सफाई दी. आयोग ने बूथ लिस्ट जारी की और दिखाया कि 416वें नंबर पर तेजस्वी यादव का नाम और उनकी तस्वीर है. 

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तेजस्वी यादव ने लगाए और कई आरोप


चुनाव आयोग की ओर से जारी ड्राफ्ट रोल को लेकर तेजस्वी यादव ने और भी कई आरोप लगाए हैं. तेजस्वी ने कहा कि हर विधानसभा से लगभग बीस से तीस हजार लोगों के नाम काटे गए हैं. कुल 65 लाख नाम कटे हैं. जो 8.5 प्रतिशत  वोटर्स के नाम ड्राफ्ट से गायब हैं. उन्होंने आगे कहा, चुनाव आयोग बताता था.कि इतने नाम शिफ्ट हो गए, इतने लोग मृत हैं और इतने लोगों के दोहरे नाम हैं, लेकिन हमें जो सूची दी गई है, उसमें उन्होंने चालाकी दिखाते हुए किसी मतदाता का पता ही नहीं दिया है. तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर धांधली करने का आरोप लगाया और उसे ‘गोदी आयोग’ कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि SIR की प्रक्रिया राजनीतिक दलों को विश्वास में लिए बिना कराई गई. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की. तेजस्वी ने ये भी कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुझाव की भी अनदेखी की गई है.