मिनर्वा अस्पताल पर आरोप, मरीज की मौत छिपाकर बढ़ाया इलाज का बिल!

रीवा के मिनर्वा अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा है। सतना निवासी और NTPC सिंगरौली के रिटायर्ड इंजीनियर संपतलाल वर्मा की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उनकी मौत कई दिन पहले ही हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल ने बिल बढ़ाने के लिए इलाज का नाटक जारी रखा।

मिनर्वा अस्पताल पर आरोप, मरीज की मौत छिपाकर बढ़ाया इलाज का बिल!

शहर के बहुचर्चित मिनर्वा अस्पताल एक बार फिर लापरवाही के आरोपों के घेरे में आ गया है। अस्पताल में भर्ती एक बुजुर्ग मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। मृतक की पहचान NTPC सिंगरौली के सेवानिवृत्त इंजीनियर संपतलाल वर्मा निवासी सतना के रूप में हुई है।

परिजनों का दावा है कि मरीज की मौत कई दिन पहले हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बिल बढ़ाने के उद्देश्य से इलाज का नाटक जारी रखा। परिजनों के अनुसार, संपतलाल वर्मा को 6 अगस्त को पैरालिसिस (लकवे) की शिकायत के बाद रीवा के मिनर्वा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  

हालत गंभीर बताकर डॉक्टरों ने उसी रात ऑपरेशन की सलाह दी और यह भी कहा कि ऑपरेशन नहीं कराने पर जान का खतरा हो सकता है। परिजन इस दबाव में ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद से ही मरीज को कभी होश नहीं आया।

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शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी और लगातार ICU में रखा गया। बावजूद इसके, डॉक्टर लगातार कह रहे थे कि मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है। परिजनों को कुछ दिनों से संदेह था कि मरीज की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उन्हें गुमराह किया गया।

दूसरे अस्पताल ले जाने की बात पर मचा हड़कंप

जब परिजनों ने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने की बात कही, तो अचानक अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हुआ। परिजनों को बिल संबंधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और उसी रात मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद अस्पताल ने परिजनों को तुरंत अस्पताल से बाहर कर दिया।

घटना के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। आरोप है कि करीब 20 लाख रुपये खर्च करवाने के बाद भी मरीज को इलाज नहीं मिल पाया और समय रहते सही जानकारी न देकर जानबूझकर मौत को छुपाया गया। सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और शव को संजय गांधी अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मरीज की मौत कब हुई और क्या वास्तव में इलाज में लापरवाही बरती गई।

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चिकित्सकों की टीम ने किया पोस्टमार्टम

रिटायर्ड इंजीनियर की मौत पर अस्पताल प्रबंधन पर लगे आरोपों के बीच सिविल लाइन पुलिस ने मौके पर जाकर लोगों को शांत कराया। परिजन को इस मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया।

बुधवार को संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में चिकित्सकों की 3 सदस्यीय टीम से पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।