2025 तक बाल श्रम खत्म करने का लक्ष्य, क्या हम तैयार हैं?
UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार आज भी दुनियाभर में करोड़ों बच्चे बाल श्रम में फंसे हैं, जिनमें भारत सबसे आगे है। गरीबी और जागरूकता की कमी बाल मजदूरी को बढ़ावा दे रही है, जिसे जड़ से खत्म करना जरूरी है।

वैश्विक स्तर पर बाल श्रम एक गंभीर समस्या है, UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 14 करोड़ बच्चे अभी भी बाल श्रम में है. हालांकि ये सिर्फ अनुमानित आंकड़े है. स्थिति तो इससे भी ज्यादा गंभीर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में बाल श्रम अधिनियम, 1986 के तहत लगभग 982 मामले दर्ज किये गए, जिनमें सबसे अधिक मामले तेलंगाना में दर्ज हुए. 2015 में, दुनिया ने सतत विकास लक्ष्यों के तहत 2025 तक बाल श्रम को समाप्त करने का लक्ष्य रखा था. समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक इस समस्या को समाप्त नहीं किया जा सका.
बाल मजदूरी में भारत नंबर-1
2011 की जनगणना की बात की जाये तो तब से आज में देश में बाल मजदूरों की संख्या पहले के मुकाबले कम हुई है. लेकिन covid-19 के बाद से एक बार फिर से बाल श्रम की संख्या में तेजी देखी गयी है. जनसंख्या में भारत का दुनियाभर में पहला स्थान है. जनसंख्या के कारण भी देश में गरीबी चरम पर है. भारत में कई परिवार गरीबी की स्थिति में हैं, जिससे उन्हें अपने बच्चों को काम पर लगाना पड़ता है ताकि वे परिवार की आय में योगदान कर सकें. भारत में बाल मजदूरी की संस्कृति बहुत पुरानी है, जिसमें बच्चों को काम पर लगाना एक सामान्य बात मानी जाती है..
लक्ष्मी की कहानी
मिलिए छत्तीसगढ़ की लक्ष्मी से जो कई सालों से रस्सी पर चढ़ कर करतब दिखाती हैं. वो अपने भाई अर्जुन के साथ ये काम कई समय से कर रही हैं. अर्जुन ने हमें बताया की उसे भी बाकि बच्चों की तरह पढ़ना था लेकिन आर्थिक स्थति ठीक न होने की वजह से उसके घरवालों ने उसका स्कूल में दाखिला नहीं करवाया। ये कहानी सिर्फ लक्ष्मी और अर्जुन की नहीं है बल्कि उन सभी मासूमों की है जिन्हें जाने अनजाने मजबूरी में बाल मजदूरी में धकेल दिया जाता हैं.
देश में बाल मजदूरी को रोकने के प्रयास
देश में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे है. जिनमे बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम, 1986 जिसके तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना अपराध है और अगर कोई ऐसा करवाता है तो उसे 6 महीने से 2 साल तक की जेल और 20-50 हजार तक का जुर्माना देना पड़ता है. इसके साथ ही सरकार सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा भी देती है साथ ही बाल मजदूरों को आर्थिक सहायता के रूप में 3000 रूपए प्रति माह आर्थिक राशी भी देती है.
बाल श्रम में 35% की कमी करनी होगी
सरकार का 2025 के अंत तक बाल श्रम को समाप्त करने का लक्ष्य है और ये तभी संभव होगा जब हर साल औसत दर बाल श्रम में 35% की कमी होगी.. देश से इस समस्या जड़ से खत्म तभी हो पायेगी जब आप और हम जागरूक होंगे. इसलिए कही भी कभी भी अगर आप अपने आस पास किसी भी बच्चे को काम करते हुए पाए तो चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर कॉल करें अपने पास के पुलिस स्टेशन में इसकी सुचना जरुर दें.