मध्य प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप, 329 पुलिस कर्मियों के खिलाफ FIR
पुलिस पर बीते दो वर्षों में गंभीर आरोपों की संख्या बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कुल 329 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की गई हैं।
भोपाल:मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस पर बीते दो वर्षों में गंभीर आरोपों की संख्या बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कुल 329 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की गई हैं।सरकार का कहना है कि पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
लूट,छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराध में पुलिस पर FIR
जिसमें लूट, अत्याचार, छेड़छाड़, उत्पीड़न, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह जानकारी कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के लिखित उत्तर में दी।
विधानसभा में पेश किए गए आंकड़े
प्राप्त विवरण के अनुसार, इन मामलों में पुलिस ने 259 प्रकरणों में अदालतों में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिए हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है, जबकि 61 मामलों की जांच अभी भी जारी है और पुलिस विभाग साक्ष्य और परिस्थितियों की विस्तृत पड़ताल कर रहा है। इसके अलावा, सात मामलों को अदालतों ने रद्द कर दिया है और दो मामलों में न्यायालय ने पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
MP पुलिस में अनुशासन संकट
ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पुलिस बल के भीतर अनुशासन, जिम्मेदारी और जवाबदेही के मुद्दे गंभीर बने हुए हैं और राज्य सरकार इन पर लगातार निगरानी रख रही है। साथ ही, यह भी संकेत है कि पुलिस विभाग में सुधार और कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों का भरोसा बनाए रखा जा सके और कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया जा सके। इस प्रकार, मध्य प्रदेश में पुलिस व्यवस्था में सुधार और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई दोनों ही प्राथमिकता बनी हुई हैं।विधानसभा में पेश किए गए आंकड़े यह संकेत देते हैं कि राज्य में पुलिस व्यवस्था में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अब और अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
sanjay patidar 
