रीवा में आदिवासी परिवार को भूमि से बेदखल करने के आदेश पर विवाद
रीवा शहर के समान हल्का क्षेत्र में वर्षों से निवास कर रहे एक आदिवासी परिवार को जमीन से बेदखल करने के आदेश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रीवा। शहर के समान हल्का क्षेत्र में कई पीढ़ियों से निवास कर रहे आदिवासी परिवार को भूमि से हटाने के आदेश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आदिवासी परिवारों ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार हूजूर शिवशंकर शुक्ला द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए, बिना किसी पूर्व सूचना या पक्ष को सुने, जबरन बेदखली का आदेश जारी किया गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित परिवार न उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों में शामिल श्यामलाल कोल और बृजलाल कोल (पुत्रगण स्व. कनैहा कोल) ने बताया कि वे वर्षो से आराजी नंबर 250, 253 एवं 245 (कुल रकबा 0.872 हेक्टेयर) में अपने परिवार सहित निवास कर रहे हैं।

यह भूमि लंबे समय से उनके उपयोग में है और उन्होंने इसे अपना आशियाना बना लिया है। उन्होंने बताया कि कटरा निवासी संजय सोनी, जो पेशे से अधिवक्ता हैं, ने इस भूमि पर दावा करते हुए बेदखली के लिए आवेदन दिया है।आरोप है कि तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने मामले में बिना पीड़ित आदिवासी परिवार की सुनवाई किए ही आदेश पारित कर दिए।

इस कार्रवाई को पीड़ितों ने एकतरफा और नियम विरुद्ध बताया है। पीड़ित परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तहसीलदार ने संभवतः आर्थिक लाभ लेकर यह आदेश जारी किया है। उनका यह भी कहना है कि संजय सोनी और उनके पिता उमाशंकर सोनी, दोनों अधिवक्ता हैं, और विगत वर्षों से भूमि संबंधी विवादों में उनकी संदिग्ध भूमिका रही है।
आदिवासी परिवारों का आरोप है कि सोनी परिवार षड्यंत्रपूर्वक कमजोर वर्ग की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिशें करता रहा है, और प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह संभव हो रहा है। प्रभावित परिवार ने पूरे मामले की जानकारी उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दी।

उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की और बेदखली आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की। उपमुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
Saba Rasool 
