खराब ट्रैफिक के कारण हर साल 18 हजार स्कूली बच्चों की सड़क हादसों में मौत

भारत सरकार के निर्देश पर सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा और स्कूल वाहनों के संचालन में सख्ती बरती जाएगी।

खराब ट्रैफिक के कारण हर साल 18 हजार स्कूली बच्चों की सड़क हादसों में मौत

राजधानी समेत देशभर में खराब ट्रैफिक के कारण हर साल 18 हजार स्कूली बच्चें सड़क हादसे में जान गंवा देते हैं। इसमें अधिकांश दुर्घटनाएं स्कूल के आसपास के इलाकों में होती है। इसे रोकने के लिए भारत सरकार के निर्देश पर सड़क सुरक्षा को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी डीईओ व डीपीसी को पत्र लिखा है।  देशभर में हर साल 4,50,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें 180,000 व्यक्तियों की मृत्यु होती है।

दुर्घटनाओं की वजह खराब यातायात व्यवस्था

यह सड़क हादसे 18 से 45 आयुवर्ग के लोगों की मौत का प्रमुख कारण है। इनमें कम से कम 10 फीसदी मौतें स्कूल जाने वाले बच्चों की होती हैं। कई दुर्घटनाएं स्कूल के आस-पास के इलाकों में खराब यातायात व्यवस्था के कारण होती है। ऐसे में सड़क सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इस चिंता से उबरने के लिए केंद्रीय शिक्षा विभाग ने वृहत रणनीति बनाई है। इसके तहत हादसे रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उनकी ट्रेनिंग के लिए विभाग ने हस्त पुस्तिका का निर्माण किया है। इसमें स्कूल वाहनों के लिए कई तरह की शर्ते रखी गई हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री के निर्देश पर मध्य प्रदेश में भी स्कूली बच्चों को सड़क हादसे से बचाने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है। इसे लेकर अपर संचालक राज्य शिक्षा केंद्र राजीव सिंह तोमर ने सभी डीईओ व डीपीसी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सड़क हादसों से बचाव के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए सड़क सुरक्षा गान शामिल किया जाए। लघु फिल्मों के माध्यम से नियमों की जानकारी देते हुए उनसे बचाव के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही स्कूल जोन चिह्नित होगा। इस जोन से गुजरने वाले वाहनों की गलत गतिविधियों पर नकेल कसी जाएगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के 51 जिलों में साल 2024 में कुल 1,26,015 सड़क हादसे हुए हैं। वहीं साल 2023 में कुल 1,31,694 सड़क हादसे हुए थे। 

क्या है आईआरसी एसपी : 32 
आईआरसी एसपी: 32 का उद्देश्य स्कूल के ही पास बनने वाली सड़कों व पुलों की डिजाइन और निर्माण में सुरक्षा, स्थायित्व और दक्षता सुनिश्चित करना है। एआईएस-063 भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक मानक है, जो स्कूल बसों की आवश्यकताओं पर केंद्रित है। यह परिवहन के दौरान छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुरक्षा शर्तों और दिशा-निर्देशों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह मानक स्कूल बसों के निर्माण,  संचालन और रखरखाव जैसे विभिन्न पहलुओं के बारे में बताता है, ताकि जोखिमों को कम किया जा सके और सुरक्षा बढ़ाई जा सके। 


ओवरलोडिंग रोकने के लिए चलाना होगा अभियान 
नियमित के साथ ही मासिक कार्यक्रम कर बच्चों के साथ ही अभिभावकों को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाई जाएगी। बच्चों में सुरक्षित व्यवहार की संस्कृति विकसित करनी होगी। स्कूली बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आईआरसी एसपी: 32 और एआईएस-063 में वर्णित शर्तों का पालन स्कूलों को करना होगा। वाहनों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए संबंधित विभाग अभियान चलाएगा। खासकर, स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए एचएम व स्कूल प्रबंधन को संवेदनशील बनाना होगा। 


School Priority Zone Guidelines