रीवा में लीवर रोगों का अत्याधुनिक इलाज संभव, SGMH बना सुपर स्पेशलिटी सेंटर

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा के संजय गांधी अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं के विस्तार की जानकारी दी। गैस्ट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी विभाग के लिए एनसीएल से 6.4 करोड़ रुपये की सीएसआर मद से सहायता प्राप्त हुई है। इस राशि से अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना की जा रही है, जिससे लीवर से संबंधित सभी बीमारियों का इलाज रीवा में ही संभव होगा।

रीवा में लीवर रोगों का अत्याधुनिक इलाज संभव, SGMH बना सुपर स्पेशलिटी सेंटर

रीवा। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के संजय गांधी अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। गैस्ट्रोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना से अब लीवर से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज यहीं रीवा में संभव हो सकेगा और मरीजों को महानगरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।

उप मुख्यमंत्री ने संजय गांधी अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी विभाग के इंटरवेंशन एंडोस्कोपी डिवीजन के लिए एनसीएल के साथ 6.4 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

यह धनराशि सीएसआर मद के तहत दी गई है, जिससे अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण खरीदे जाएंगे। राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि लीवर रोगों के इलाज की दिशा में यह एक बड़ी शुरुआत है। जल्द ही सभी आवश्यक संसाधनों और मशीनों की उपलब्धता पूरी हो जाएगी, जिससे मरीजों को न तो इंतजार करना पड़ेगा और न ही दूसरे शहरों में जाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि रीवा में डॉक्टरों का समर्पण सराहनीय है। उन्हें संसाधन और आधुनिक उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। डॉक्टरों की प्रतिबद्धता से ही यह बदलाव संभव हो रहा है। आज रीवा में लगभग सभी प्रमुख बीमारियों का इलाज हो रहा है और मरीजों को अब रेफर नहीं किया जा रहा है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने एनसीएल सिंगरौली को इस पुनीत कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि कंपनी स्वास्थ्य, पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में लगातार योगदान दे रही है। NCL ने नैकनिहाई शौर्य स्मारक के पुनरुद्धार के लिए भी 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।

डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि गैस्ट्रोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक उपकरणों की स्थापना से मरीजों को उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। डॉ. मनोज इंदुलकर ने बताया कि वर्ष 2018 में शुरू की गई इस पहल को अब मूर्त रूप दिया जा रहा है।

डॉ. MH उसमानी ने बताया कि नई मशीनों के आने से लीवर संबंधी इलाज में काफी आसानी होगी और भविष्य में गैस्ट्रोलॉजी के उच्चतर पाठ्यक्रम भी रीवा में शुरू किए जाएंगे। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. पीके बघेल ने आभार जताया।

मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर रीवा

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा को चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लिया गया है। मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पताल में 322 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण और डॉक्टर्स कॉलोनी का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे मरीजों को सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं वहीं उपलब्ध हों।

NCL ने चार माह में दी 6.4 करोड़ की राशि

NCL के जीएम राजीव रंजन ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर मात्र चार माह में प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी कर, सीएसआर मद से 6.4 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। प्रयास रहेगा कि यह राशि इसी वित्तीय वर्ष में उपयोग हो जाए।