चाकघाट नगर परिषद में सियासी भूचाल, अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

रीवा जिले के चाकघाट नगर परिषद में भाजपा के 12 पार्षदों ने परिषद अध्यक्ष विभव जायसवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष पर तानाशाही रवैया, अमर्यादित व्यवहार और विकास कार्यों में जानबूझकर बाधा डालने के आरोप लगाए गए हैं।

चाकघाट नगर परिषद में सियासी भूचाल, अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

रीवा जिले के चाकघाट नगर परिषद में सत्ता पक्ष भाजपा के भीतर गहराता असंतोष अब खुलकर सामने आ गया है। परिषद अध्यक्ष विभव जायसवाल के खिलाफ 12 पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया है। सोमवार को नाराज पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

पार्षदों का आरोप है कि अध्यक्ष के तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते न केवल नगर के विकास कार्य ठप पड़े हैं, बल्कि उन्हें अपमानजनक व्यवहार का भी सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 15 सदस्यीय नगर परिषद में से 12 पार्षद अध्यक्ष के कामकाज से असंतुष्ट हैं और उनकी कार्यशैली को लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत मानते हैं।

तीन PIC सदस्य भी इस विरोध में शामिल हैं, जिससे अध्यक्ष की स्थिति और भी कमजोर मानी जा रही है, पार्षदों का कहना है कि अध्यक्ष के कारण नगर में स्वीकृत विकास कार्य या तो शुरू नहीं हो पा रहे हैं या जानबूझकर रोके जा रहे हैं।

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जब जनप्रतिनिधि जनता की समस्याएं लेकर अध्यक्ष के पास पहुंचते हैं, तो वह अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं और पार्षदों की बातों को नजरअंदाज करते हैं,कई पार्षदों ने यहां तक कहा है कि परिषद अध्यक्ष की कार्यशैली लोकतंत्र के खिलाफ है और वह पूरी परिषद को एकतरफा ढंग से चला रहे हैं।

ऐसी स्थिति में वह उनके साथ काम नहीं कर सकते। पार्षदों के ज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते के बाद कलेक्टर से फोन में बात हुई उन्होंने भरोसा जताया कि वह मंगलवार को संबंधित पक्षों से मुलाकात करेंगी और नियमानुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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भाजपा कार्यालय पहुंचे नाराज पार्षद 

अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपने के बाद सभी पार्षद भाजपा के जिला कार्यालय भी पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और अपनी स्थिति स्पष्ट की। पार्षदों ने कहा कि उनका विरोध पार्टी से नहीं, बल्कि अध्यक्ष के रवैये से है। यदि पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो वे सामूहिक इस्तीफे के लिए बाध्य होंगे।

राजनीतिक गर्मी के पीछे क्षेत्रीय गुटबाजी भी जिम्मेदार 

चाकघाट नगर परिषद में उपजे इस विवाद को स्थानीय राजनीतिक गुटबाज़ी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में नगर में हुए एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला और भाजपा जिला अध्यक्ष की तस्वीरें पोस्टर-बैनरों से नदारद थीं।

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साथ ही, कार्यक्रम में शुक्ल की गैरमौजूदगी को त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी और उनके बीच राजनीतिक दूरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, पार्षदों ने इन अटकलों को नकारते हुए स्पष्ट किया है कि उनका विरोध केवल नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ है औसूत्रों के अनुसार, सभी 12 पार्षदों ने अपना इस्तीफा पहले ही तैयार कर लिया है और कलेक्टर को सौंपने की चेतावनी भी दे दी है, यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया।

मऊगंज और सिरमौर में भी उभर चुका है ऐसा ही विरोध

चाकघाट में सामने आए इस घटनाक्रम को रीवा जिले के अन्य क्षेत्रों में हाल ही में हुए राजनीतिक विरोध से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कुछ सप्ताह पहले मऊगंज की नईगढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

वहीं, सिरमौर में भी पार्षदों और अध्यक्ष के बीच मतभेद की खबरें सामने आ चुकी हैं। यह घटनाएं संकेत दे रही हैं कि जिले में स्थानीय स्तर पर भाजपा के भीतर संगठनात्मक समन्वय की कमी गहराती जा रही है।