रीवा में बड़ा कमाल! एक हफ्ते में तीन हार्ट डिवाइस इंप्लांट सफल

रीवा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने एक सप्ताह में तीन जटिल हार्ट डिवाइस (AICD, CRT-D, CSP) सफलतापूर्वक लगाए। यह उपलब्धि MP के किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहली बार हासिल हुई है।

रीवा में बड़ा कमाल! एक हफ्ते में तीन हार्ट डिवाइस इंप्लांट सफल

रीवा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक हिस्टोरिक अचीवमेंट हुई है। यहां के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने सिर्फ एक हफ्ते में तीन कॉम्प्लेक्स  हार्ट प्रोसीजर्स – AICD, CRT-D और CSP (Conduction System Pacing) – सफलतापूर्वक की हैं। ये पहली बार हुआ है कि किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज के कार्डियक सेंटर में इतनी एडवांस प्रोसीजर एक साथ हुई हों।

तीनों पेशेंट्स को हार्ट फेलियर और हार्ट ब्लॉक की समस्या थी। डॉ. त्रिपाठी ने उनके फैमिली मेंबर्स को समझाया कि ये डिवाइस कैसे काम करते हैं और कैसे ये लाइफ सेविंग हैं। सहमति मिलने के बाद तीनों डिवाइस इम्प्लांटेशन सफल रहे। अभी सभी पेशेंट्स बिल्कुल स्टेबल हैं और डिस्चार्ज के लिए तैयार हैं।

ये डिवाइस हार्ट रेट को कंट्रोल करते हैं — मतलब अगर दिल की धड़कन तेज या धीमी हो जाए, तो उसे नॉर्मल करते हैं। इससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा कम हो जाता है और पेशेंट्स की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर होती है। डिवाइस लगवाने के बाद पेशेंट्स नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं।

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि पहले ऐसी एडवांस ट्रीटमेंट्स सिर्फ मेट्रो सिटीज में होती थीं क्योंकि ये महंगी और जटिल होती हैं। लेकिन अब रीवा में भी ये फैसिलिटी अवेलेबल है। विंध्य रीजन में हार्ट डिजीज के केस ज्यादा हैं, पर लोगों में अवेयरनेस की कमी है।

उन्होंने बताया कि पेशेंट्स और उनके घरवालों को मानाने में 2-3 दिन लगे, क्योंकि सबको डर था कि प्रोसीजर महंगी है या रिस्की है। लेकिन नतीजे शानदार रहे.

डॉ. त्रिपाठी ने अपील की कि हार्ट फेलियर या हार्ट ब्लॉक से परेशान लोग झिझकें नहीं। कार्डियोलॉजिस्ट से बात करें, क्योंकि इन डिवाइसेस से जिंदगी बदल सकती है और मौत का खतरा कम हो जाता है।