मढ़ी खुर्द में लाखों का घोटाला, सरपंच व सचिव पर फर्जी भुगतान, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
ग्राम पंचायत मढ़ी खुर्द की सरपंच राजकुमारी साहू और सचिव उग्रसेन पटेल पर लाखों रुपये के भ्रष्टाचार, फर्जी भुगतान और बिना स्वीकृति निर्माण के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायत में पंचायत फंड के दुरुपयोग, फर्जी बिलिंग और अपात्र व्यक्ति को आवास योजना का लाभ देने की बात कही गई है।
EOW रीवा में ग्राम पंचायत मढ़ी खुर्द जनपद पंचायत गंगेव की सरपंच राजकुमारी साहू एवं पंचायत सचिव उग्रसेन पटेल के विरुद्ध लाखों रुपये के गबन, भ्रष्टाचार एवं फर्जी भुगतान के आरोपों को लेकर गंभीर शिकायत हुई है, शिकायतकर्ता राकेश सिंह द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, पंचायत के फंड से बिना किसी कार्य के लाखों रुपये निकाले गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की मांग की गई है। बता दे पंचायत के कन्टिन्जेन्सी मद से बिना किसी तकनीकी स्वीकृति के दो प्रमुख भुगतानों में लाखों रुपये आहरित किए गए जिसमे भुगतान क्रमांक 3424745 दिनांक 30 मार्च को 20 बिल लगाकर ₹2,41,614 की राशि निकाली गई, व भुगतान क्रमांक 3451154 दिनांक 26/04/2025 को 6 बिलों के माध्यम से ₹1,22,450 की राशि आहरित की गई।दोनों ही भुगतान बिना कार्य और तकनीकी स्वीकृति के किए गए हैं।

शिकायत पत्र में बताया गया कि 15वीं वित्त आयोग से प्राप्त ₹20 लाख की राशि खर्च किए जाने के बावजूद, पंचायत में कोई वास्तविक कार्य नहीं कराया गया है, बता से विधायक निधि से ₹3 लाख मुरमीकरण कार्य के लिए निकाले गए, लेकिन धरातल पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। वही सरपंच के घर से हाईवे तक ₹10 लाख की लागत से पीसीसी रोड बनाया गया, जो सरकारी पट्टे की जमीन पर बिना स्वीकृति के निर्मित है। इसमें सीमेंट और बालू की मात्रा बेहद कम बताई जा रही है, जिससे निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन एवं क्षतिग्रस्त हो चुका है वहीं, अवैध रूप से एक पुलिया का निर्माण भी पट्टे की भूमि में कराया गया है जिसकी लागत लगभग ₹2 लाख आंकी गई है।
फर्जी बिल, फर्जी सप्लाई और भुगतान का खेल
बता दे कम्प्यूटर मरम्मत के नाम पर ₹22,100 की निकासी की गई जबकि पंचायत में एक भी कम्प्यूटर नहीं है। स्टेशनरी मद से ₹50,000 का भुगतान किया गया लेकिन एक भी रजिस्टर नहीं खरीदा गया। फर्नीचर मरम्मत के नाम पर ₹38,000 की राशि प्रकाश पांडेय के नाम निकाली गई, जिनकी पहचान एक मोबाइल दुकानदार के रूप में है न कि फर्नीचर सप्लायर।

नाली निर्माण और टेंट घोटाला
हाईवे पर तिवारियान बस्ती वार्ड क्रमांक 1 में बनाई गई नाली, जो कि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के अंतर्गत आती है, वह पंचायत द्वारा बनाई गई, जो नियमों के खिलाफ है। निर्माण की गुणवत्ता भी बेहद निम्न स्तर की पाई गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि टेंट व्यवस्था के नाम पर ₹50,000 की राशि का दुरुपयोग हुआ, जबकि कोई आयोजन हुआ ही नहीं।
सरपंच पति को नियमविरुद्ध आवास योजना का लाभ
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि सरपंच पति अनिल साहू, जिनके पास 8 एकड़ कृषि भूमि है, उनका बेटा नौकरी में है और उनके घर में 8–10 पक्के कमरे हैं, फिर भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। यह सरकारी नियमों का सीधा उल्लंघन है क्योंकि कोई भी पदस्थ जनप्रतिनिधि स्वयं या अपने परिवार को लाभ नहीं दे सकता।

