21 दिसंबर को होगा “विश्व ध्यान दिवस” पर भव्य वैश्विक ध्यान सत्र

विश्व शांति, करुणा और एकता के संदेश को सशक्त करने के उद्देश्य से हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट द्वारा 21 दिसंबर को “विश्व ध्यान दिवस” के अवसर पर एक भव्य वैश्विक ध्यान सत्र का आयोजन किया जा रहा है.

21 दिसंबर को होगा “विश्व ध्यान दिवस” पर भव्य वैश्विक ध्यान सत्र

विश्व शांति, करुणा और एकता के संदेश को सशक्त करने के उद्देश्य से हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट ने 21 दिसंबर को “विश्व ध्यान दिवस” के अवसर पर एक भव्य वैश्विक ध्यान सत्र का आयोजन किया जा रहा है. इस संबंध में बुधवार को भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में हार्टफुलनेस प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि अब तक मध्य प्रदेश से 6 लाख से अधिक नागरिक इस वैश्विक ध्यान सत्र के लिए पंजीकरण कर चुके हैं, जिनमें भोपाल अग्रणी भूमिका में है. 

यह वैश्विक आयोजन ‘एक विश्व एक हृदय’ की थीम पर आधारित है, जो सामूहिक शांति, आंतरिक संतुलन और साझा मानवता की भावना को दर्शाता है. यह ध्यान सत्र हार्टफुलनेस के वैश्विक मार्गदर्शक एवं रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष दाजी के मार्गदर्शन में, हार्टफुलनेस के वैश्विक मुख्यालय और विश्व के सबसे बड़े ध्यान केंद्र कान्हा शांति वनम से संचालित किया जाएगा.इस विशेष अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, तेलंगाना के राज्यपाल  जिष्णु देव वर्मा तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी कान्हा शांति वनम में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे.आयोजन स्थल पर हजारों प्रतिभागी प्रत्यक्ष रूप से ध्यान करेंगे, जबकि विश्व के विभिन्न देशों से लाखों लोग वर्चुअल माध्यम से इस वैश्विक ध्यान सत्र से जुड़ेंगे. मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में नागरिक 21 दिसंबर को रात 8 बजे यूट्यूब के माध्यम से इस सत्र में भाग लेंगे.

हार्टफुलनेस संस्था के अनुसार, 21 दिसंबर 2025 को एक साथ करोड़ों लोगों का ध्यान करना केवल व्यक्तिगत शांति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सामूहिक चेतना के जागरण का प्रतीक बनेगा. आज के तेज़, प्रतिस्पर्धात्मक और तनावपूर्ण जीवन में ध्यान मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और सामाजिक समरसता का एक प्रभावी साधन बन चुका है। हार्टफुलनेस की सरल और व्यावहारिक ध्यान पद्धति व्यक्ति को भीतर से संतुलित करने में सहायक है.

इस अवसर पर परम पूज्य दाजी ने कहा,


“हमारा उद्देश्य ध्यान को सरल और सुलभ बनाना है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना सकें। जब एक व्यक्ति ध्यान करता है, तो उसकी सकारात्मकता उसके चारों ओर फैलती है। कल्पना कीजिए, यदि एक ही समय में लाखों लोग ध्यान करें, तो यह विश्व में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन ला सकता है। यही वास्तविक अर्थों में क्रमोन्नत विकास है.

हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति हृदय पर केंद्रित है, जिससे मन और हृदय के बीच संतुलन स्थापित होता है. यह अभ्यास निर्णय क्षमता को बेहतर बनाता है और जीवन में स्थिरता का अनुभव कराता है. इस ध्यान सत्र में हार्टफुलनेस परंपरा की विशिष्ट विधि प्राणाहुति भी सम्मिलित होगी, जो साधकों को चेतना की सूक्ष्म अवस्थाओं की ओर सहज रूप से अग्रसर करती है.

प्रेस वार्ता में हार्टफुलनेस मध्य प्रदेश शासकीय कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नील केलकर ने कहा कि ध्यान आज केवल व्यक्तिगत शांति का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन और सामूहिक चेतना को सुदृढ़ करने का प्रभावी साधन बन चुका है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश पूरे देश में सर्वाधिक पंजीकरण करने वाला राज्य बनकर उभरा है.
वहीं हार्टफुलनेस मध्य प्रदेश एमपी-03 के मीडिया समन्वयक एवं पर्यावरणविद् एस. डी. वीरेंद्र ने ध्यान को मानसिक शांति और पर्यावरणीय चेतना के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताया. प्रो. आर. के. श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक सोच और सतत जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं.

यह वैश्विक ध्यान सत्र पूर्णतः निःशुल्क है और इसमें भाग लेने के लिए किसी भी प्रकार के पूर्व ध्यान अनुभव की आवश्यकता नहीं है. इच्छुक नागरिक hfn.link/meditation पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। आयोजकों ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार, मित्रों और सहयोगियों को भी इस वैश्विक कल्याणकारी पहल से जोड़ें.