खेल मैदान निर्माण राशि डकार गए जिम्मेदार,चहल कदमी को तरसते छात्र

मऊगंज तहसील की ग्राम पंचायत बंधवा भाई बांट में विकास योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, वृक्षारोपण और खेल मैदान निर्माण जैसी योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित रह गई हैं। प्रशासनिक अनदेखी और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

खेल मैदान निर्माण राशि डकार गए जिम्मेदार,चहल कदमी को तरसते छात्र

शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए अकूत राशि खर्च की जा रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण जनपद स्तर के अधिकारियों की मिली भगत से पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा निर्माण कार्यों से लेकर अन्य योजनाओं में खुलकर पलीता लगाया जा रहा है। कुछ इस तरह की  हाल ए स्थित नवगठित मऊगंज जिले के जनपद पंचायत नईगढ़ी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बंधवा भाई बांट में देखने को मिली जहां लाखों रुपए की लागत से निर्मित पानी की टंकी से जहां क्षेत्र की जनता को बूंद भर पानी नसीब नहीं हो पा रहा है वही कूप निर्माण नाडेप निर्माण कार्य से लेकर खेत सड़क तालाब गहरी करण  निर्माण कार्य से लेकर स्वच्छ भारत मिशन तथा वृक्षारोपण जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं  सहित देश के भविष्य कहे जाने वाले विद्यार्थियों के खेल मैदान निर्माण की राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी जनपद से लेकर जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इन भ्रष्टाचारियों के कार्य गुजारी पर आज तक नहीं पड़ी।

सूखी पड़ी पानी की टंकी एवं नल की टोंटियां -

नईगढ़ी जनपद पंचायत क्षेत्र के बंधवा भाई वांट ग्राम पंचायत के आम जनमानस को शुद्ध पेयजल मुहैया कराए जाने हेतु जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत लाखों रुपए की लागत से विशालकाय पानी की टंकी का निर्माण कराया गया साथ ही घर-घर पानी पहुंचाने हेतु पाइपलाइन डालकर नल की  टोंटियां लगाई गई। लेकिन आज की स्थिति में गांव की जनता को जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य के बाद जब तक पानी सप्लाई की जिम्मेदारी संबंधी संविदाकार पर थी तब तक पानी सप्लाई हुआ। पंचायत को हैंड ओवर होते ही नल जल योजना में ताला लटका तो आज तक नल की टोटियों तक पानी पहुंचना तो दूर भीषण गर्मी एवं जल संकट के बीच टंकी में ही पानी नहीं चढ़ाया गया। लेकिन सबसे बड़ी बात यहां यह देखने को मिली कि जनपद पंचायत से लेकर जिले में बैठे आला अधिकारियों की भी नजर बंद पड़ी इस नलजल योजना पर आज तक नहीं पड़ी और ना ही जिम्मेदारों द्वारा खोज खबर ली गई। जिसका परिणाम रहा कि ग्राम पंचायत बंधवा भाई वांट में जल जीवन योजना अंतर्गत कागज में पानी सप्लाई हो रहा है। 

खेल मैदान की राशि डकार गए जिम्मेदार-

ग्राम पंचायत स्थित हायर सेकंडरी विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों के खेलकूद व्यवस्था हेतु एक दशक पूर्व खेल मैदान हेतु राशि मंजूर की गई थी। लेकिन आज की स्थिति यदि देखी जाए तो खेल मैदान निर्माण कार्य नजरों से दिखाना तो दूर खेल मैदान ही धरातल पर नहीं है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब खेल मैदान बनाने हेतु कार्य का शुभारंभ ही नहीं किया गया तो फिर 4.50 लाख रुपए आहरित कैसे हो गई और यदि आहरित हो गई तो जिम्मेदार स्थानीय उप यंत्री सहायक यंत्री से लेकर जनपद सीईओ एवं जिले के सीईओ द्वारा आज तक परख क्यों नहीं कराई गई कि वास्तव में खेल मैदान बनाया गया है कि नहीं। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब विकास कार्य की बागडोर संभालने वाले देश के कर्णधार विद्यार्थियों के खेल मैदान की राशि ही डकार गए और विभाग के जिम्मेदारों की नजरों के सामने खेल मैदान नजर नहीं आया तो जिम्मेदारों द्वारा आखिर निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही क्या की गई ? कुछ इस तरह के सवाल चिंतनीय विषय को जन्म देते हैं जो अधिकारियों के भी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं। 


स्वच्छ भारत मिशन में हुआ भ्रष्टाचार-

केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर अकूत राशि खर्च की जा रही है। शहर से लेकर गांव तक खुले में शौच मुक्त शहर एवं गांव बनाने के लिए राशि खर्च की गई। लेकिन इस योजना को यदि ग्राम पंचायत बंधवा भाई बांट की ओर नजर दौड़ाई जाए तो आज भी पंचायत क्षेत्र की 60 फ़ीसदी आबादी खुले में शौच कर रही है। शौचालयों के निर्माण हेतु शान द्वारा जारी राशि तो निकल गई या तो शौचालय बनाए नहीं गए और यदि शौचालय बनाने भी गए हैं तो आज ग्राम पंचायत क्षेत्र के 90 फीसदी शौचालय छत एवं दरवाजे विहीन नजर आते हैं। स्वच्छ भारत मिशन की इतनी खराब स्थिति के बाद भी जिम्मेदार जनपद से लेकर जिले में बैठे अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर बेहतर कार्य किए जाने का ढींगरा पीटते नजर आते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।

वृक्षारोपण के नाम पर हुआ बंदरबांट -

नईगढ़ी विकासखंड के ग्राम पंचायत बधवा भाई वांट ग्राम पंचायत में तत्कालीन सरपंच द्वारा शासन की योजना अनुसार कागज में वृक्षारोपण कराकर वृक्षारोपण के नाम पर आई राशि का अधिकारियों एवं स्थानीय जिम्मेदारों के बीच बंदरबांट कर लिया गया। जिस भूमि पर शासन की योजना अनुसार लाखों रुपए खर्च उपरांत आज हरा भरा वातावरण से सुसज्जित वृक्षों का समूह होना चाहिए आज वह भूभाग पेड़ पौधों की जगह बंजर नजर आता है। वास्तव में जमीनी हकीकत देखी जाए तो तत्कालीन जिम्मेदार सरपंच एवं उप यंत्री की मिली भगत से वृक्षारोपण के कार्य को पूर्णता दिखाकर राशि तो निकाल ली गई लेकिन जमीन पर एक भी पौधे नहीं रोपे गए। और उधर जनपद से लेकर जिले में बैठे अधिकारियों द्वारा स्थानीय जिम्मेदारों द्वारा कागज में कराए गए वृक्षारोपण की परख तक नहीं दी गई।