अरुण जेटली ने कृषि कानून पर मुझे धमकाया था, राहुल के बयान को बीजेपी ने बताया फेक

राहुल गांधी ने फार्म कानूनों को लेकर अरुण जेटली पर धमकी देने का लगाया आरोप

अरुण जेटली ने कृषि कानून पर मुझे धमकाया था, राहुल के बयान को बीजेपी ने बताया फेक

Rahul Gandhi On Arun Jaitley: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने बयान को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने दिवंगत भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) पर धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होने कहा.कि कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) के खिलाफ विरोध करने पर अरूण जेटली ने उन्हे धमकी दी थी. राहुल के बयान के बाद जेटली के बेटे रोहन ने कहा.कि जब कानून लाया गया था उसके पहले उनके पिता की मौत हो चुकी थी. बीजेपी ने भी राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. हालांकि, अभी तक कांग्रेस की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

BJP ने राहुल गांधी को बताया फेक 

राहुल गांधी के बयान के बाद बीजेपी ने उनपर पलटवार किया. BJP के मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने इसे फेक न्यूज बताया है. अमित मालवीय ने फेक न्यूज अलर्ट लिखते हुए ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी का दावा है. कि अरुण जेटली ने 2020 के कृषि कानूनों के प्रति उनके विरोध को कमजोर करने के लिए उनसे संपर्क किया था. आइए सच्चाई साफ कर दें. अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 में हुआ था. कृषि विधेयकों का मसौदा 3 जून 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जबकि सितंबर 2020 में कानून लागू किया गया. राहुल गांधी की दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है.’

‘रोहन जेटली बोले- राहुल को सोच- समझकर बोलना चाहिए’

वहीं राहुल गांधी के आरोपों पर दिवंगत अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. रोहन जेटली ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था. कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे. अगर कभी ऐसी स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते थे. वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है. मैं राहुल गांधी की सराहना करूंगा, अगर वह ऐसे आदमी के लिए सोच-समझकर बोलें, जो हमारे साथ नहीं हैं.