पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश, क्या सीमा हैदर को भी छोड़ना पड़ेगा भारत?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सीमा हैदर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सीमा हैदर, जो मई 2023 में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत आई थीं, अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई हैं। लोग अब उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने की मांग कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सार्क वीजा छूट की नीति के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी जा रही यात्रा सुविधा को बंद कर दिया है। इस फैसले के तहत अब पाकिस्तान के नागरिक भारत नहीं आ सकेंगे।
पाकिस्तानी नागरिकों भारत छोड़ने का आदेश
भारत सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि जो पाकिस्तानी नागरिक पहले से भारत में इस छूट के तहत मौजूद हैं, उन्हें अगले एक हफ्ते के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
सीमा हैदर की चर्चा फिर से शुरू
इस फैसले के बाद पाकिस्तान की सीमा हैदर फिर से चर्चा में आ गई हैं। सीमा हैदर, जो मई 2023 में नेपाल के रास्ते भारत आई थीं, सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रही थीं। उन्हें अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के कारण पाकिस्तान भेजने की मांग की जा रही है।
सीमा हैदर की भारत में एंट्री
सीमा हैदर का भारत में प्रवेश पब्जी खेल के माध्यम से हुआ था, जहां उन्होंने ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा से दोस्ती की और बाद में उनके साथ प्रेम संबंध स्थापित किए। सीमा अपने चार बच्चों के साथ भारत आकर सचिन के साथ नोएडा में रह रही हैं, और हाल ही में दोनों का एक बच्चा भी हुआ है।
क्या सीमा हैदर पर सरकार का फैसला असर डालेगा?
सरकार के इस ताजा फैसले का असर सीमा हैदर पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वह वीजा के माध्यम से भारत नहीं आई थीं। उन्होंने अवैध तरीके से सीमा पार की थी। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है और इसे अदालत में विचाराधीन किया गया है। जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं देती, उन्हें भारत से निकाला नहीं जा सकता।
कानूनी प्रक्रिया के तहत निर्णय
जेवर कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और केंद्र सरकार से कानूनी राय भी मांगी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई भी निर्णय पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही लिया जाएगा।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है। भारत सरकार का यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।