MP NEWS : मऊगंज थाना परिसर में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी

मऊगंज जिले से गुरुवार दोपहर एक बड़ी घटना सामने आई जब थाना परिसर में अचानक आग भड़क उठी। बताया जा रहा है कि यह आग शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी के कारण लगी, जो देखते ही देखते भीषण रूप ले बैठी। आग की चपेट में थाना परिसर में खड़ी पुरानी फायर ब्रिगेड मशीन और जब्त किए गए कई वाहन आ गए।

MP NEWS : मऊगंज थाना परिसर में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी
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मऊगंज. जिले से गुरुवार दोपहर एक बड़ी घटना सामने आई जब थाना परिसर में अचानक आग भड़क उठी। बताया जा रहा है कि यह आग शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी के कारण लगी, जो देखते ही देखते भीषण रूप ले बैठी। आग की चपेट में थाना परिसर में खड़ी पुरानी फायर ब्रिगेड मशीन और जब्त किए गए कई वाहन आ गए। घटना जिला मुख्यालय की घनी आबादी वाले इलाके में हुई, जिससे पूरे कस्बे में अफरा-तफरी मच गई। आग बुझाने के लिए मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी और मनगवां से फायर ब्रिगेड मशीनें बुलाई गई। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।

आग बुझाने के दौरान खत्म हुआ पानी

जानकारी के मुताबिक करीब 15 से ज्यादा वाहन इस आग में जलकर खाक हो गए। इस दौरान एक और समस्या सामने आई जब आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड मशीन का पानी खत्म हो गया। वहीं, मऊगंज जिला मुख्यालय की बिजली भी गुल हो गई, जिससे फायर ब्रिगेड को दोबारा पानी भरने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। यह घटना न सिर्फ एक बड़ी प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है।

क्यों व्यवस्थाओं के अभाव में उलझा मऊगंज?

मऊगंज थाना परिसर में लगी भीषण आग ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि भले ही मऊगंज को जिला बने 20 महीने हो चुके हों, लेकिन आज भी यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। आगजनी जैसी गंभीर स्थिति में जिस तरह से अव्यवस्थाएं सामने आई, उसने यह साबित कर दिया कि मऊगंज अब भी एक पूर्ण जिला बनने के मानकों से काफी दूर है। पूरे जिले में लिए मात्र तीन फायर ब्रिगेड मशीनें उपलब्ध हैं। यह संख्या किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बेहद कम है।

दूसरी ओर, जिले में बिजली व्यवस्था भी इतनी लचर है कि किसी भी वक्त कटौती हो जाती है। यही वजह रही कि जब फायर ब्रिगेड मशीन का पानी खत्म हुआ, तो बिजली न होने के कारण पानी भरने में काफी दिक्कत हुई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर 20 महीने बाद भी मऊगंज क्यों व्यवस्थाओं के अभाव में उलझा हुआ है। लोगों का मानना है कि मऊगंज को सिर्फ नाम के लिए जिला बना दिया गया, जबकि जमीनी स्तर पर अभी तक वह ढांचा तैयार नहीं हो पाया है, जिसकी एक जिले में जरूरत होती है।