रीवा जनसुनवाई: FIR हो या HC का आदेश — नहीं हो रही कोई सुनवाई
रीवा जिले की जनसुनवाई में तीन अलग-अलग मामलों में पहुंचे फरियादियों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। किसी की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया, किसी का रास्ता कोर्ट के आदेश के बाद भी बंद कर दिया गया और एक पीड़ित को पिता की मृत्यु के बाद संबल योजना की राशि नहीं मिली।

रीवा, 23 सितंबर 2025
रीवा जिले में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान अलग-अलग मामलों में फरियादी न्याय की गुहार लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, लेकिन सभी की शिकायतें एक जैसी थीं — "एफआईआर भी दर्ज है, कोर्ट का आदेश भी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही।"
जमीन पर कब्जा, FIR के बाद भी कोई सुनवाई नहीं
सेमरिया के ग्राम मटीमा निवासी चिंतामणि नाई ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर कुछ दबंगों ने जबरन मकान बना लिया और खेती भी कब्जे में ले ली। विरोध करने पर उनकी पत्नी के साथ मारपीट हुई और जान से मारने की धमकी भी दी गई।
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चिंतामणि ने बताया कि उन्होंने थाना सेमरिया में 20 जून 2025 को FIR कराई थी, और तहसील सेमरिया से स्टे ऑर्डर भी मिला है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि दबंग खुलेआम घूम रहे हैं और प्रशासन चुप है।
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रास्ता बंद, कोर्ट का आदेश फिर भी दबंगों की मनमानी
बरौ गांव के राजभान पटेल ने बताया कि उनकी खेती के लिए जरूरी रास्ता कोर्ट के आदेश के बावजूद कुछ लोगों ने जबरन बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि तहसील सेमरिया से 25 जुलाई 2024 को रास्ता खोलने का आदेश दिया गया था, लेकिन दबंगों ने कोर्ट के आदेश को ही ठुकरा दिया और गाली-गलौज, धमकी देकर रास्ता रोक रखा है।
राजभान का आरोप है कि उनकी तरफ से तहसील में दिए गए कई आवेदन जानबूझकर कचरे में फेंक दिए जाते हैं, जिससे न्याय मिल ही नहीं पा रहा।
पिता की मृत्यु के बाद भी नहीं मिली संबल योजना की सहायता राशि
रीवा शहर के वार्ड क्रमांक 45, कुठूलिया निवासी मोतीमणि त्रिपाठी ने जनसुनवाई में बताया कि उनके पिता राममणि त्रिपाठी संबल योजना में पंजीकृत मजदूर थे, जिनकी मौत अगस्त 2023 में हो गई। उन्होंने कहा कि ई-पेमेंट का आदेश निकल चुका है, फिर भी उन्हें अनुग्रह राशि नहीं दी गई।
मोतीमणि का कहना है कि वो कई बार नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय में चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन सिर्फ फॉर्म भरवाए जा रहे हैं, पैसा नहीं मिल रहा। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और जीवन यापन मुश्किल हो रहा है।