कलेक्टर का निर्देश: किसानों को जोड़ें उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्यपालन से
रीवा कलेक्टर ने संभागीय समीक्षा बैठक की तैयारियों के तहत कृषि अधिकारियों को किसानों को फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने दलहन-तिलहन के रकबे में वृद्धि, ई-मंडी, केसीसी और सहकारी बैंकिंग से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

आगामी 18 जून को आयोजित होने वाली संभागीय समीक्षा बैठक की तैयारियों को लेकर रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल आज कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में विभिन्न विभागों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जाए।
खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने पर जोर
कलेक्टर ने कहा कि धान पर निर्भरता कम करते हुए किसानों को दलहन और तिलहन फसलों की ओर प्रेरित किया जाए। इसके लिए उन्नत बीज किसानों तक पहुंचाए जाएं। साथ ही, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों से भी किसानों को जोड़ा जाए, ताकि खेती एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित हो। बैठक के दौरान कलेक्टर ने कई योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और निम्न निर्देश दिए:
- डबल लॉक केन्द्रों (चोरहटा, जवा, मऊगंज) की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।
- पीओएस प्रविष्टियों के आधार पर उर्वरक आवंटन सुनिश्चित करने व कालाबाजारी पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
- ई-मंडी योजना के तहत किसानों को फसल विक्रय व भुगतान सुविधा की समीक्षा की गई।
- उद्यानिकी फसलों के रकबे में वृद्धि कर गिरदावरी कराने के निर्देश।
- किसानों का ई-पंजीयन समय पर कराया जाए।
केसीसी व बैंकिंग से जुड़ी पहलें
- पशुपालकों और मत्स्यपालकों के लिए केसीसी (Kisan Credit Card) बनाए जाएं।
- मत्स्य समितियों के बैंक खाते जल्द से जल्द खोले जाएं।
- सहकारी बैंक की ऋण वसूली व जमा राशि बढ़ाने पर बल।
- मंडियों के बैंक खाते सहकारी बैंक में ही रखने के निर्देश मंडी बोर्ड को दिए।
बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मंडी बोर्ड और सहकारी बैंक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने अपने-अपने कार्यों की स्थिति प्रस्तुत की।