PWD के तत्कालीन EE और ठेकेदार पर EOW में FIR दर्ज, करोड़ों की रॉयल्टी हेराफेरी
लोक निर्माण विभाग (PWD) में फर्जी NOC के जरिए 2.59 करोड़ रुपये की खनिज रॉयल्टी हेराफेरी का बड़ा मामला सामने आया है। EOW ने सतना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी और दिल्ली की ठेकेदार कंपनी SR कंस्ट्रक्शन के खिलाफ FIR दर्ज की है।
ऋषभ पांडेय
रीवा। लोक निर्माण विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे करोड़ों रुपये की खनिज रॉयल्टी में हेराफेरी का मामला सामने आया है। जिसमे आर्थिक अपराध अन्वेषण संगठन (EOW) ने सतना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी और दिल्ली की ठेकेदार कंपनी मे. SR कंस्ट्रक्शन के खिलाफ FIR दर्ज की है।
फर्जी NOC के माध्यम से 2.59 करोड़ रुपये की राशि ठेकेदार को गलत तरीके से भुगतान की गई। मामला वर्ष 2017 का है, जब सीआरएफ योजना के तहत रीवा और सतना जिले की सीमा पर स्थित गांवों को जोड़ने के लिए 46.70 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया गया था।

सड़क सेमरिया बनकुइयां मार्ग से गाजन, मझियार, बक्रिया, लौलाछ, मगरवार, भटिगवां, खाम्हा, किडवरिया इटौरा, मैनपुरा, अकौना, टिकरी, खमरिया, गौरैया मार्ग का निर्माण कराने के लिए एसआर कंस्ट्रक्शन को कार्य दिया गया था। निर्माण कार्य तय समय पर पूरा न होने के कारण विभाग ने 2.59 करोड़ रुपये की राशि रोक ली थी।
बाद में ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण करने का दावा कर भुगतान की मांग की गई। जांच में सामने आया कि सतना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर खनिज विभाग रीवा का फर्जी NOC पत्र दस्तावेजों में संलग्न किया।

इसके आधार पर रुकी हुई 2.59 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर दिया गया। जबकि जांच में स्पष्ट हुआ कि ऐसी कोई NOC रीवा खनिज विभाग द्वारा जारी ही नहीं की गई थी। रीवा कलेक्टर ने भी पत्र के माध्यम से इस बात की पुष्टि की।
EOW ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (षड्यंत्र), 409 (सरकारी धन का दुरुपयोग), 467, 468, 471 (जालसाजी से जुड़े अपराध) के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7सी, 13(1) ए, एवं 13(2) भी शामिल की गई है।

3.30 करोड़ की रॉयल्टी मे हेराफेरी , जांच में 2.59 करोड़ की पुष्टि
शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि इस फर्जीवाड़े से विभाग को कुल 3.30 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में 2.59 करोड़ रुपये की हेराफेरी की पुष्टि हुई है। मामले की शिकायत रीवा के सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला द्वारा की गई थी। इसके पहले संभागायुक्त ने भी सतना और रीवा के कलेक्टरों से रिपोर्ट तलब की थी, जिसमें अनियमितता की पुष्टि हुई थी।

खनिज रॉयल्टी जमा नहीं, फिर भी कर दिया भुगतान
नियमों के अनुसार, सड़क निर्माण में उपयोग की गई गिट्टी (2.06 लाख घनमीटर) और बालू (73 हजार घनमीटर) की रॉयल्टी राशि को ठेकेदार को विभाग के पास जमा करना होता है। लेकिन उक्त राशि जमा कराने के बजाय ठेकेदार ने फर्जी खनिज अनुमति पत्र प्रस्तुत कर दिया, जिससे विभाग ने बिना सत्यापन के भुगतान कर दिया।

रीवा में भी हो चुकी पदस्थापना, अन्य मामलों की जांच भी जारी
गौरतलब है कि मनोज द्विवेदी रीवा में भी कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ रह चुके हैं। उनके कार्यकाल से जुड़े अन्य कई मामलों की शिकायतें भी पहले की जा चुकी हैं, जिनकी जांच अभी भी लंबित है। ऐसे में इस मामले के अलावा भी उनके खिलाफ अन्य आरोपों की परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है।
Saba Rasool 
