न रीडिंग, न घर पहुंचे बिल: कंपनी ने कहा- ऑनलाइन लेकर करें भुगतान
सतना | चंद दिन बचे हैं और साल का वित्तीय वर्ष जाने वाला है। इधर बिजली कंपनी के हाल ये है कि राजस्व न आने से अफसरों पर प्रमुख सचिव से लेकर एमडी तक की खीज निकल रही है। अब राजस्व आए भी कैसे जब उपभोक्ताओं के घरों तक उनकी खपत के बिजली बिल ही नहीं पहुंचे हैं। इधर कंपनी ने उपभोक्ताआें के लिए निर्देश जारी किए हैं कि वो संबंधित डीसी या डिवीजन कार्यालय में अपना पुराना बिल लेकर पहुंचे और नया बिल निकलावाकर मौके पर ही एटीपी से भुगतान करें।
उपभोक्ता एमपी आॅनलाइन के कियोस्क सेंटर से भी बिलों की अदायगी की जा सकती है। हाइटेक उपभोक्ता अपने मोबाइल से भी पूरी कार्रवाई कर सकते है जो नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। इन सब के बीच बड़ी खबर ये है कि इसबार उपभोक्ताओं की रीडिंग भी नहीं हो सकी है। सतना सिटी डिवीजन में आधे से ज्यादा क्षेत्रों में मीटर वाचन का काम नहीं हो सका है।
क्यों नहीं हुई रीडिंग
पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी ने उपभोक्ताओं से बिजली बिल जमा करने का फरमान तो जारी कर दिया लेकिन अपना गुनाह छुपा गई। पहली गलती तो ये कि अबकि बार उपभोक्ताओं के घरों में बिजली बिल नहीं पहुंचे और दूसरा ये कि उनके कनेक्शन में कितनी ऊर्जा खपत हुई इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है क्योंकि मीटर रीडिंग नहीं हुइ है।
दरअसल इन सब के पीछे वजह ये है कि मीटर रीडर उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंच ही नहीं सके क्योंकि उनका एरिया बदला गया है और कम समय में उपभोक्ताओं के मीटर वाचन का कार्य नहीं हुआ लिहाजा अब जो वाचक घर ही नहीं जानते वो बिलों को उनके घरों तक कैसे पहुंचाएं...? अब कंपनी के पास समस्या ये है कि बिल पहुंचे नहीं और उपभोक्ता बिना बिल के भुगतान करने जा नहीं रहा है।
उपभोक्ताओं के घरों में बिजली के बिल नहीं पहुंचे हैं ऐसे में उनको बिल के लिए ये प्रयास करने होंगे जिसमें अपने पुराने बिजली बिल सा आइवीआरएस नंबर के साथ बिजली दफ्तर पहुंचकर वहां से डुप्लीकेट बिल प्राप्त करें। या फिर एटीपी मशीन आॅपरेटर को पुराना बिल देकर उसे भुगतान के लिए कहें। एटीपी में कनेक्शन नंबर डालने के साथ ही बिल सामने आएगा और भुगतान कर दिया जाएगा जिसकी मौके से ही रसीद मिलेगी।
कैसे आएगा रेवन्यू
जब उपभोक्ताओं को बिजली बिल मिला नहीं तो जाहिर है कि अधिकांस लोग बिल अदा करने जाएंगे नहीं और ऐसे में कंपनी का 15 करोड़ का राजस्व फरवरी में वसूल कराना संभव नहीं है। दूसरी ओर एमडी-पीएस बिजली की समस्याओं पर नहीं कुर्की और पैसे के अलावा कोई बात नहीं करते है। सवाल ये कि जब कार्रवाई के बाद पैसा नहीं आता तो बिल मिले बिना भला पैसे कै से जमा किये जाएंगे और रेवन्यू टारगेट पाना असंभव से कम नहीं है।
 
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