भण्डारण के बाद घट गई आठ हजार क्विंटल धान

रीवा | जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में घोटालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों का फर्जी पंजीयन, व्यापारी और अधिकारियों में सांठगांठ से लेकर अब भण्डारण में धान की मात्रा का नया मामला सामने आ गया है। उपार्जित धान में से 8 मीट्रिक टन यानी 8 हजार क्विंटल से अधिक धान गायब है। इस खुलासे के बाद नागरिक आपूर्ति निगम खरीद और भण्डारण के अंतर को पाटने के लिए लीपापोती में जुट गया है।

गौरतलब है कि जिले के 124 खरीदी केन्द्रों में शुरू की गई धान की खरीदी के बाद से ही गड़बड़ियों का सिलसिला शुरू हो गया है। किसानों के कराए जाने वाले पंजीयन में जहां अधिकारियों ने आंख मूंदकर सत्यापन किया है, वहीं खरीदी केन्द्रों में बिक्री की जाने वाली धान की गुणवत्ता को देखे बगैर ही धान की खरीदी की गई है। 

खास बात यह है कि दो माह तक चली धान की खरीदी के बाद जब कैप एवं गोदाम से खरीदी का मिलान शुरू किया गया ऐसी स्थिति में 8 हजार क्विंटल धान शार्टेज हो गई है। खरीदी केन्द्रों से गोदाम एवं कैप में पहुंचने वाली धान कहां गायब हो गई, इसकी जानकारी जुटाने में विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं। माना यह जा रहा है कि गोदाम एवं कैप में खरीदी केन्द्र की मात्रा में कम पड़ गई धान की भरपाई की जवाबदेही किसे सौंपी जाएगी, यह नागरिक आपूर्ति निगम तय नहीं कर पा रहा है।

गत वर्ष भी कम हुई थी 12 हजार क्विंटल धान
बीते वर्ष समर्थन मूल्य की खरीदी गई धान के गोदाम पहुंचने के बाद जब मिलान किया गया तो 12 हजार क्विंटल धान शार्ट हुई थी। धान की मात्रा कम होने के बाद महीनों तक जांच चलती रही। अंतत: उस पूरे मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है। ऐसी स्थिति में यह माना जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष में की गई धान की खरीदी के बाद शार्ट हुई 8 हजार क्विंटल से ज्यादा की धान की जवाबदारी किसे सौंपी जाएगी। हालांकि कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी की सख्ती को देखते हुए अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। धान की भरपाई करने के लिए किसी न किसी पर यह ठीकरा फोड़ा जा सकता है।

खरीदी केन्द्र से परिवहनकर्ताओं द्वारा जो उठाव किया गया है, उसमें निर्धारित मात्रा को नजरअंदाज कर गोदाम व कैप में पहुंचाया गया है। सूत्रों की मानें तो खरीदी केन्द्र से परिवहनकर्ताओं द्वारा भण्डारण के लिए लाई जाने वाली धान नजदीकी तौल कांटे में वजन किए जाने के बाद जब गोदाम में वाहन का आखिरी वजन किया गया है, उसमें भी काफी अंतर पाया गया है। यही वजह है कि भण्डारण के बाद 8 हजार 19 क्विंटल धान कम पड़ गई है।

जिले के 124 खरीदी केन्द्रों में की गई धान की खरीदी के बाद भण्डारित की गई धान में 6 ऐसे खरीदी केन्द्र बताए गए हैं जहां से 1 हजार क्विंटल से ज्यादा की धान शार्ट पाई गई है। बताया गया है कि सेवा सहकारी समिति कनौजा में 1183 क्विंटल धान कम पाई गई है। वहीं सेवा सहकारी टीकर में 1532 क्विंटल, सेवा सहकारी समिति देवास में 1135 क्विंटल, सेवा सहकारी समिति जवा में 1452 क्विंटल, सेवा सहकारी समिति बीड़ा में 1061 क्विंटल, सेवा सहकारी समिति परसिया नेगरा में 910 क्विंटल की धान भण्डारण के समय कम पाई गई है। वहीं अन्य खरीदी केन्द्रों में भी धान मात्रा में कम पाई गई है। कुल मिलाकर 124 खरीदी केन्द्रों से 8 हजार 19 क्विंटल धान की शार्टेज पाई गई है। जिले में कुल धान की खरीदी 62 हजार 437 किसानों से 35 लाख 625 मीट्रिक टन खरीदी गई है।

फर्जी खरीदी पर सख्त हुए कलेक्टर, बैठाई जांच
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के पहले कराए गए फर्जी पंजीयन के बाद की गई धान की बिक्री पर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ने कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के बाद  जांच के लिए तीन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है जिसमें शैलेष मालवीय प्रशासक सेवा सहकारी समिति भीर, रामायण प्रसाद नट शाखा प्रबंधक नईगढ़ी, देवदत्त पाण्डेय शाखा प्रबंधक प्रधान कार्यालय रीवा, सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ने इस मामले की तत्काल जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। बताया गया है कि ऐसे किसानों के बैंक डिटेल और ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी गई है जिन्होंने धान उपार्जन की राशि आने के बाद किसी और को स्थानांतरित कर दी है।

सीईओ ने शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि उपार्जन की शाखाओं में संचालित किसानों के खाते से व्यापारियों एवं अन्य वयक्तियों के दूसरे बैंकों में संचालित खातों में नेफ्ट के माध्यम से राशि ट्रांसफर की गई है। उस सभी किसानों की जानकारी मांगी गई है जिन्होंने खाते से अन्य व्यक्तियों के खाते में राशि अंतरण करने के बाद बैंक एवं समिति कर्मचारियों को नकद भुगतान किया है। इस फरमान के बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है।