श्रावण में अलग-अलग थीम पर निकलेगी भोले की सवारी

वैदिक उद्घोष, लोकनृत्य और प्राचीन धरोहरों के संग दिखेंगे बाबा महाकाल

श्रावण में अलग-अलग थीम पर निकलेगी भोले की सवारी

 इस वर्ष भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी और अधिक भव्य रूप में निकाली जाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी में पिछले वर्ष की तरह ही नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। द्वितीय सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात भगवान महाकालेश्वर की चतुर्थ सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी।

श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी में धार्मिक थीम रहेगी, जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। साथ ही सवारियों में विभिन्न जिलों के पृथक-पृथक जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी 14 जुलाई, द्वितीय सवारी 21 जुलाई, तृतीय सवारी 28 जुलाई, चतुर्थ सवारी 4 अगस्त, पंचम सवारी 11 अगस्त और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। प्रथम सवारी में पालकी में श्री मनमहेश, द्वितीय सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश, तृतीय सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव, चतुर्थ सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव और नंदी रथ पर विराजित होंगे।