Breaking News : मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, FIR पर रोक लगाने से किया इनकार

मंत्री विजय शाह एक विवादित बयान को लेकर कानूनी मुश्किलों में फंस गए हैं। मंत्री शाह हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगावने को लेकर आज गुरुवार 15 मई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल FIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपने शब्दों और व्यवहार में जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

Breaking News : मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, FIR पर रोक लगाने से किया इनकार
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भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह एक विवादित बयान को लेकर कानूनी मुश्किलों में फंस गए हैं। उन्होंने सेना की पहली महिला कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद मामला तेजी से तूल पकड़ गया। इस बयान के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिर्फ चार घंटे के भीतर FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने FIR पर रोक लगाने से किया इनकार 

इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए विजय शाह गुरुवार, 15 मई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें मुख्य न्यायाधीश (CJI) की फटकार का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल FIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपने शब्दों और व्यवहार में जिम्मेदारी निभानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के बयान एक जिम्मेदार व्यक्ति से अपेक्षित नहीं हैं।अब इस मामले की अगली सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में 16 जून को होगी। यह मामला यह दर्शाता है कि न्यायपालिका सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों से जवाबदेही और मर्यादा की अपेक्षा करती है, और ऐसे मामलों में कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।

सुप्रीम कोर्ट में शाह के खिलाफ खड़े होंगे-विवेक तन्खा

​​​कांंग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- कि यदि विजय शाह की अपील सुप्रीम कोर्ट में मेंशन हुई और उस पर सुनवाई हुई तो तन्खा खुद, कपिल सिब्बल, इंदिरा जय सिंह और केटीएस तुलसी कोर्ट में खड़े होंगे।

भाजपा पार्टी की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है- जीतू पटवारी 

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंत्री विजय शाह के विवादित बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेना के अपमान जैसे गंभीर मामले में भी बीजेपी ने अपने मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो यह दर्शाता है कि पार्टी की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। पटवारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने महज चार घंटे में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जबकि एफआईआर आठ घंटे बाद दर्ज की गई। उन्होंने पुलिस प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देश का इंतजार करती रही, जो बताता है कि प्रशासन कितना दबाव में काम कर रहा है।

विजय शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाकर बर्खास्त किया जाए- जीतू पटवारी

कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की है कि विजय शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाकर बर्खास्त किया जाए, क्योंकि जिन धाराओं के तहत उनके खिलाफ एफआईआर हुई है, उसके तहत तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरी सरकार और बीजेपी अब सुप्रीम कोर्ट में जाकर एफआईआर रद्द करवाने में लगी हुई है, जो दर्शाता है कि वे दोषी मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठेगी। महिला कांग्रेस विजय शाह के निवास पर प्रदर्शन करेगी और पार्टी द्वारा मौन उपवास, विरोध प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे। पटवारी ने स्पष्ट किया कि यह किसी व्यक्ति विशेष से दुश्मनी का मामला नहीं है, बल्कि विजय शाह का बयान देश की एकता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर साहसिक स्टैंड लिया है, और उनकी यह पहल सराहनीय है।