6 जून को लॉन्च होगा उम्मीद पोर्टल, वक्फ संपत्तियों का कराना होगा रजिस्ट्रेशन

6 जून को केंद्र सरकार 'उम्मीद' पोर्टल लॉन्च करने जा रही है. इसका मकसद वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. 'उम्मीद' का पूरा नाम है- यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट.

6 जून को लॉन्च होगा उम्मीद पोर्टल, वक्फ संपत्तियों का कराना होगा रजिस्ट्रेशन
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6 जून को केंद्र सरकार 'उम्मीद' पोर्टल लॉन्च करने जा रही है. इसका मकसद वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. 'उम्मीद' का पूरा नाम है- यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट. यह एक सेंट्रल पोर्टल होगा, जिस पर देशभर की वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर किया जाएगा.

पोर्टल लॉन्च होने के 6 महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर करना अनिवार्य होगा. इस पर संपत्तियों का पूरा विवरण देना होगा, जैसे- लंबाई, चौड़ाई और जियो टैग की गई लोकेशन. यदि किसी संपत्ति का नाम किसी महिला के नाम पर दर्ज है, तो उसे वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा.

22 मई को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देनी वाली याचिकाओं सुनवाई खत्म हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा था. याचिकाकर्ताओं ने कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया है और अंतरिम रोक लगाने की मांग की है. लेकिन, केंद्र सरकार ने कानून के पक्ष में दलीलें रखीं हैं.

आखिरी दिन बहस सरकार की उस दलील के आसपास रही, जिसमें कहा कि गया कि वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है, लेकिन यह धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. इसलिए यह मौलिक अधिकार नहीं है.

वक्फ को इस्लाम से अलग एक परोपकारी दान के रूप में देखा जाए या इसे धर्म का अभिन्न हिस्सा माना जाए. इस पर याचिकार्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ' परलोक के लिए.... वक्फ ईश्वर को समर्पण है. अन्य धर्मों के विपरीत, वक्फ ईश्वर के लिए दान है.'

CJI बीआर गवई ने कहा, धार्मिक दान केवल इस्लाम तक सीमित नहीं है. हिंदू धर्म में भी 'मोक्ष' की अवधारणा है. दान अन्य धर्मों का भी मूल सिद्धांत है. तभी जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने भी सहमति जताते हुए कहा, 'ईसाई धर्म में भी स्वर्ग की चाह होती है.'