रीवा सहित 106 शहरों की सड़कों की गुणवत्ता पर उठे सवाल, NHAI करेगा जांच
कायाकल्प योजना के तहत रीवा समेत मध्यप्रदेश के 106 नगरीय निकायों में करोड़ों की लागत से बनी सड़कों की गुणवत्ता पर अब सवाल उठ रहे हैं। रीवा में हाल ही में बनी सड़कें बारिश में खराब हो गईं, जिससे निर्माण कार्य की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

रीवा। कायाकल्प योजना के तहत रीवा सहित प्रदेश के 106 नगरीय निकायों में निर्मित सड़कों की गुणवत्ता अब संदेह के घेरे में है। नगर निगम रीवा द्वारा बीते वर्ष करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई सड़कों की हालत बारिश के बाद खराब हो चुकी है।
अब नगरीय प्रशासन विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पत्र लिखकर इन सड़कों की तकनीकी गुणवत्ता जांच कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग की पहल के पीछे उद्देश्य यह है कि गुणवत्ता परीक्षण के बिना अगली किस्त का भुगतान न किया जाए।
रीवा नगर निगम को भी पत्र जारी कर सड़कों की वर्तमान स्थिति, गारंटी अवधि और कार्यों की अद्यतन रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई सड़क गारंटी अवधि में है और फिर भी उसमें गड्ढे या अन्य समस्याएं सामने आई हैं, तो जिम्मेदार एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कायाकल्प योजना के अंतर्गत बीते वर्ष शासन से 40 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत हुई थी, जिससे रीवा शहर की जर्जर और उखड़ी हुई सड़कों को दुरुस्त किया गया। अधिकांश सड़कों पर डामर का लेप चढ़ाकर मरम्मत कार्य किया गया, जबकि कुछ क्षेत्रों में पूरी सड़कें पुनर्निर्मित की गईं।
हालांकि, काम के बाद कुछ शेष राशि वापस भी करनी पड़ी थी।अब स्थिति यह है कि कई मोहल्लों में बनाई गई सड़कें बरसात के चलते फिर से खराब हो गई हैं। स्थानीय रहवासियों की शिकायतों के बाद यह बात सामने आई कि कई सड़कों पर उभरते गड्ढों ने पहले से किए गए कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। कुछ जगहों पर तो नई सड़क बनने के कुछ ही महीनों बाद फिर से खुदाई कर दी गई।
रीवा सहित शहडोल संभाग के नगरीय निकायों होगी जांच
रीवा शहर के साथ ही रीवा संभाग के कई अन्य नगरीय निकायों में भी सड़कों की गुणवत्ता का परीक्षण होगा। इस सूची में प्रमुख रूप से शामिल हैं नगर परिषद हनुमना (मऊगंज जिला) नगर पालिका मैहर, नगर परिषद अमरपाटन, न्यू रामनगर (मैहर जिला) नगर परिषद बरगवां (सिंगरौली) नगर परिषद चुरहट,
रामपुर नैकिन (सीधी) नगर पालिका कोतमा, नगर परिषद अमरकंटक (अनूपपुर) नगर पालिका धनपुरी, नगर परिषद बुढ़ार, जयसिंह नगर (शहडोल) नगर पालिका पाली, नगर परिषद नौरोजाबाद (उमरिया) इन निकायों में बनी सड़कों की जांच भी NHAI के इंजीनियरों द्वारा की जाएगी।
रिपोर्ट मिलने के बाद ही अगले चरण की राशि जारी की जाएगी।
पेयजल, गैस और सीवर लाइन बिछाने के कारण सड़कें हुई खराब
रीवा शहर की अधिकांश अंदरूनी सड़कें पूर्व में कांक्रीट की बनी हुई थीं, लेकिन समय के साथ पेयजल, गैस और सीवर लाइन बिछाने के कारण ये सड़कें खराब हो गईं। नगर निगम द्वारा दबाव में आकर इन कांक्रीट सड़कों के ऊपर डामर का लेप कर सड़कें बनाई गईं, लेकिन यह तरीका टिकाऊ नहीं होता, खासकर जब पुरानी सतह की समुचित मरम्मत न की गई हो।
यही कारण है कि बारिश के बाद ये डामरीकृत सड़कें टिक नहीं पाईं और अब फिर से गड्ढों में तब्दील हो रही हैं।
अब रिपोर्ट के आधार पर होगा भुगतान, ठेकेदारों की जवाबदेही तय
कायाकल्प योजना की अगली किस्त के लिए अब सरकार सख्त मापदंडों पर काम कर रही है।
जो भी सड़कें खराब निकलीं और यदि वो गारंटी अवधि में हैं, तो संबंधित निर्माण एजेंसी या ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वो प्रत्येक सड़क की स्थिति, गारंटी अवधि और अब तक किए गए अनुरक्षण कार्यों का पूरा विवरण प्रस्तुत करे।