जिले मे 50% से अधिक नियमित शिक्षक नहीं लगा रहे ई-अटेंडेंस

लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के निर्देशों के बावजूद रीवा और मऊगंज जिलों के 50% से अधिक नियमित शिक्षक ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं कर रहे हैं। रीवा में 8240 में से केवल 3497 शिक्षक (44%) और मऊगंज में 2117 में से 955 शिक्षक (46%) ही डिजिटल उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।

जिले मे 50% से अधिक नियमित शिक्षक नहीं लगा रहे ई-अटेंडेंस

रीवा। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद रीवा और मऊगंज जिलों में ई-अटेंडेंस को लेकर नियमित शिक्षकों की उदासीनता सामने आ रही है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सभी नियमित शिक्षकों को प्रतिदिन ई-अटेंडेंस दर्ज करनी है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि आधे से अधिक शिक्षक इस अनिवार्यता का पालन नहीं कर रहे हैं।

रीवा जिले के 8240 नियमित शिक्षकों में से केवल 3497 शिक्षक ही प्रतिदिन ई-अटेंडेंस दर्ज कर रहे हैं। यानी जिले में महज 44 प्रतिशत शिक्षक ही डिजिटल हाजिरी लगा रहे हैं, जबकि 56 प्रतिशत शिक्षक अब भी इस प्रणाली से दूरी बनाए हुए हैं। वही मऊगंज जिले में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है।

यहां 2117 नियमित शिक्षकों में से सिर्फ 955 शिक्षक ही ई-अटेंडेंस दर्ज कर रहे हैं। इस प्रकार मात्र 46 प्रतिशत शिक्षक ही अनुपालन कर रहे हैं, जबकि 54 प्रतिशत अब भी परंपरागत उपस्थिति पद्धति या लापरवाही के कारण ई-अटेंडेंस से दूरी बनाए हुए हैं। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश पर ई-अटेंडेंस की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।

इस कार्य की जिम्मेदारी रमसा प्रभारी नवीन श्रीवास्तव और सुधाकर द्विवेदी को सौंपी गई है। दोनों अधिकारी प्रतिदिन विद्यालयों से प्राप्त उपस्थिति डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज रहे हैं।

अतिथि शिक्षक कर रहे बेहतर प्रदर्शन

दिलचस्प बात यह है कि जहां नियमित शिक्षक ई-अटेंडेंस में पिछड़ रहे हैं, वहीं अतिथि शिक्षक इस दिशा में बेहतर अनुशासन दिखा रहे हैं। रीवा जिले के 1615 अतिथि शिक्षकों में से 1213 शिक्षक नियमित रूप से ई-अटेंडेंस दर्ज कर रहे हैं, जो लगभग 75 से 77 प्रतिशत अनुपालन को दर्शाता है।

इसी तरह मऊगंज जिले में 1457 अतिथि शिक्षकों में से 798 शिक्षक ई-अटेंडेंस का नियमित उपयोग कर रहे हैं, जो कि 66 से 68 प्रतिशत के बीच है। यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक, डिजिटल अनुशासन को ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं।

प्रशासन सख्त, हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में ई-अटेंडेंस में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार निर्देशों की अनदेखी को गंभीर अनुशासनहीनता माना जा रहा है।