पाक्सो एवं एट्रोसिटीज एक्ट के आरोपी को न्यायालय ने किया दोषमुक्त
विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट रीवा ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में मैनुद्दीन शाह निवासी बैकुंठपुर, जिला रीवा को पाक्सो एक्ट एवं एट्रोसिटीज एक्ट के तहत लगे आरोपों से बरी कर दिया है। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में यह फैसला सुनाया। आरोपी की ओर से पैरवी अधिवक्ता विक्रम सिंह एवं सहयोगी कृष्नेंद्र सिंह सेंगर द्वारा की गई।

रीवा। विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट रीवा ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में मैनुद्दीन शाह निवासी बैकुंठपुर, जिला रीवा को पाक्सो एक्ट एवं एट्रोसिटीज एक्ट के तहत लगे आरोपों से बरी कर दिया है। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में यह फैसला सुनाया। आरोपी की ओर से पैरवी अधिवक्ता विक्रम सिंह एवं सहयोगी कृष्नेंद्र सिंह सेंगर द्वारा की गई। मिली जानकारी के अनुसार, प्रकरण वर्ष 2023 का है जब बैकुंठपुर थाना क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की ने मैनुद्दीन शाह पर छेड़छाड़, गाली-गलौच और मारपीट के आरोप लगाए थे।
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 354, 294, 323 भा.दं.सं. के साथ-साथ पाक्सो एक्ट की धारा 4 और 8 तथा अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(11) के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश श्रीमती पद्मा जाटव की अदालत में हुई। न्यायालय में प्रस्तुत गवाहियों और साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद अदालत ने यह पाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त और ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके। इस आधार पर आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। आरोपी की ओर से केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया कि प्रारंभ से ही मामला झूठे आरोपों पर आधारित था। पुलिस विवेचना में भी कई तथ्य अस्पष्ट पाए गए थे, जिसके कारण न्यायालय में अहम फैसला सुनाया है सहयोगी अधिवक्ता कृष्नेंद्र सिंह सेंगर ने इसे न्याय की जीत बताया।