सर्पदंश लिखने के बदले डॉक्टर ने मांगी रिश्वत, रंगे हाथों पकड़ा गया
रीवा लोकायुक्त टीम ने सिंगरौली जिले के चितरंगी स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। डॉक्टर और सुपरवाइजर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'सर्पदंश' लिखने के बदले ₹1 लाख की रिश्वत मांगी थी।
सिंगरौली: लोकायुक्त संगठन रीवा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंगरौली जिले के चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक डॉक्टर और एक सुपरवाइजर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक श्री योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई।

शिकायत क्या थी?
ग्राम बगैया, पोस्ट दुधमनिया की रहने वाली फूलमती सिंह ने 30 सितंबर को लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत की थी कि उनके पति जयपाल सिंह की मौत जून महीने में सर्पदंश से हो गई थी। उन्होंने बताया कि सरकारी मुआवजा पाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में "सर्पदंश" दर्ज करवाना जरूरी था।

आरोप है कि चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह और सुपरवाइजर राजकुमार बैस ने रिपोर्ट में सर्पदंश लिखने के बदले ₹1 लाख की रिश्वत मांगी थी। काफी बातचीत के बाद ₹30,000 पर सौदा तय हुआ।
कैसे हुई कार्रवाई?
शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त रीवा के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाटीदार के निर्देशन में ट्रैप टीम बनाई गई। 3 अक्टूबर को डॉ. अमरजीत सिंह को चितरंगी स्वास्थ्य केंद्र में ₹30,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में सुपरवाइजर राजकुमार बैस की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

कानूनी कार्रवाई
दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है।

कौन-कौन थे ट्रैप दल में?
इस ट्रैप टीम में निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया के साथ निरीक्षक एस. राम मरावी, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, सुरेश कुमार, पवन पांडे, आरक्षक दिलीप पटेल, शिवेंद्र मिश्रा, लवलेश पांडे और स्वतंत्र सरकारी गवाह शामिल रहे।

लोकायुक्त की अपील
लोकायुक्त संगठन ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा कार्यालय में या मोबाइल नंबर 98936 07619 पर की जा सकती है।
Saba Rasool 
