कमिश्नर बीएस जामोद ने दिए सीएम हेल्पलाइन और वृक्षारोपण लक्ष्य में तेजी लाने के निर्देश
रीवा कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन में 50 दिन से अधिक लंबित सभी प्रकरणों का समाधान अगले 7 दिनों में अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने पीएचई, कृषि, जनजातीय कार्य, ऊर्जा, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा सहित कई विभागों को कार्य में तेजी लाने को कहा।

रीवा। कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन में 50 दिन से अधिक समय से लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण आगामी 7 दिवसों में अनिवार्य रूप से किया जाए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी निचले स्तर तक जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करें, तभी समस्याओं का प्रभावी समाधान संभव है। कमिश्नर जामोद ने कहा कि खाद्य एवं गृह विभाग ने पिछले सप्ताह अच्छा कार्य किया है, परंतु पीएचई, कृषि, जनजातीय कार्य, ऊर्जा, राजस्व, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग को भी प्रकरणों के समाधान में तत्परता दिखानी होगी।
संभागीय अधिकारी प्रतिदिन जिलों द्वारा किए जा रहे निराकरण की निगरानी करें।बैठक में संयुक्त आयुक्त सुदेश मालवीय, संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी, डिप्टी कमिश्नर श्रेयस गोखले, एसडीओ वन हितेश खंडेलवाल, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ. एमएल गुप्ता, अधीक्षण यंत्री पीएचई महेन्द्र सिंह, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, चीफ इंजीनियर ऊर्जा प्रमा पांडेय, सहायक संचालक कृषि प्रीति द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
ई-ऑफिस का अनिवार्य उपयोग, पेंशन प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश
बैठक में कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अब कार्यालयीन कार्यों में फाइलों और पत्रों का आदान-प्रदान केवल ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाए। महत्वपूर्ण रिपोर्ट एवं सूचनाएं भी डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत की जाएं। साथ ही, अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली में दक्ष बनाया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि 31 जुलाई तक सेवानिवृत्त होने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों को 15 दिवस के भीतर पेंशन कार्यालय में अनिवार्य रूप से भेजा जाए। इस संबंध में सभी विभागों से सात दिवस में ऑनलाइन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को भी कहा गया।
वृक्षारोपण अभियान में प्रगति धीमी, 15 अगस्त तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश
एक पेड़ माँ के नाम अभियान की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने प्रगति को असंतोषजनक बताया और 15 अगस्त तक निर्धारित वृक्षारोपण लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे और मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के डिवाइडरों पर पौधारोपण कराएं जाएं। साथ ही, सभी शिक्षण संस्थानों, छात्रावासों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध भूमि पर पौधे अवश्य रोपित कराएं जाएं।