SGMH पर आरोप: गर्भवती और गर्भस्थ शिशु की मौत, परिजन बोले- ''इलाज नहीं पिटाई की''
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में एक गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि दो दिन तक महिला को बिना इलाज के वार्ड में रखा गया और इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की गई।

रीवा के संजय गांधी अस्पताल (SGMH) में एक बार फिर लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। सतना से रेफर होकर आई गर्भवती महिला दीपा गुप्ता (पति - राजकुमार गुप्ता) की इलाज के दौरान मौत हो गई।
दीपा के साथ उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी जान चली गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में दो दिन तक सही इलाज नहीं किया गया और इस लापरवाही की वजह से दोनों की मौत हुई।
परिजनों का आरोप: दो दिन भर्ती रही, पर इलाज नहीं मिला
दीपा की मां ने बताया कि 7 अक्टूबर को जब उन्हें सतना जिला अस्पताल से रीवा रेफर किया गया, तो उन्होंने उम्मीद की थी कि यहां बेहतर इलाज मिलेगा। लेकिन दीपा को दो दिनों तक वार्ड में बिना इलाज के रखा गया।
उनका यह भी आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने दीपा की मां के साथ मारपीट की और एक बार खाली इंजेक्शन तक लगा दिया गया। उनका कहना है कि अगर समय पर सही इलाज होता, तो दीपा और उसके बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
शनिवार को जब दीपा की मौत हुई, तो गुस्साए परिजनों ने अस्पताल गेट के बाहर शव रखकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
अस्पताल का जवाब: महिला की हालत पहले से थी गंभीर
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया है। अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि जब महिला को लाया गया था, तब उसे पीलिया था, यूरिन नहीं आ रहा था और उसकी हालत बेहद नाजुक थी।
ऑपरेशन कर बच्चे को निकाला गया, लेकिन महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बहुत बढ़ गया। उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
मारपीट और लापरवाही के आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने पूरी तरह से गलत बताया है।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
गौरतलब है कि इससे पहले भी संजय गांधी अस्पताल में इलाज में देरी को लेकर विवाद हो चुका है। कुछ दिन पहले 13 साल के मनीष साहू की भी सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई थी।
उस मामले में खुद अस्पताल की जांच में यह बात सामने आई थी कि विभागों के बीच तालमेल की कमी थी।