किश्तवाड़ के चशोटी में बादल फटा: 42 की मौत, 200 से ज्यादा लापता, मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव पर मचा कोहराम
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे चशोटी गांव में बादल फटने की भयावह घटना सामने आई है।

Kishtwar Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे चशोटी गांव में बादल फटने की भयावह घटना सामने आई है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु प्रसिद्ध मचैल माता यात्रा के लिए पड्डर सब-डिवीजन के इस गांव में एकत्रित थे। घटना में अब तक 42 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत व बचाव कार्य जारी है और अब तक 65 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
यात्रा के पहले पड़ाव पर टूटा कहर
Kishtwar cloud burst update: चशोटी गांव मचैल माता यात्रा का पहला पड़ाव है, जहां से हर वर्ष हजारों श्रद्धालु ट्रेकिंग के जरिए माता के दर्शन के लिए यात्रा शुरू करते हैं। गुरुवार को यहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या मौजूद थी। टेंट, लंगर, दुकानें और यात्रियों की बसें गांव में लगी थीं। दोपहर करीब 12:30 बजे अचानक बादल फटा और पहाड़ों से तेज़ पानी और मलबा गांव की ओर बहता चला आया। इससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया और कुछ ही पलों में हर ओर तबाही का मंजर दिखने लगा।
श्रद्धालु बह गए, टेंट और दुकानें उजड़ गईं
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पानी का बहाव इतना तेज़ था कि कई श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए। टेंट, भोजनालय (लंगर), अस्थायी दुकानें और कई वाहन बह गए। कई श्रद्धालु तेज बहाव में फंस गए और देखते ही देखते उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया।
राहत और बचाव अभियान जारी
स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। हेलिकॉप्टर के ज़रिए भी राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "यह एक अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रशासन हर संभव मदद पहुंचा रहा है और घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा रही है।"
अस्थायी रूप से यात्रा स्थगित
इस हादसे के बाद प्रशासन ने मचैल माता यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे फिलहाल यात्रा स्थल की ओर रुख न करें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।