200 करोड़ की शासकीय भूमि को अधिकारियों ने फर्जी तरीके से किया बंदरबांट

रीवा के EOW कार्यालय में कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन देकर शहडोल जिले के व्यौहारी तहसील स्थित खड़हुली गांव में करीब 200 करोड़ रुपये की शासकीय चरनोई भूमि को फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए निजी नामों पर दर्ज कर बेचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अधिकारियों की मिलीभगत का दावा करते हुए उच्च स्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

200 करोड़ की शासकीय भूमि को अधिकारियों ने फर्जी तरीके से किया बंदरबांट

रीवा । ईओडब्ल्यू कार्यालय में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एसपी को ज्ञापन सौपकर शहडोल जिले की व्यौहारी तहसील के ग्राम खड़हुली में करीब 200 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से निजी नामों पर दर्ज कर बेचने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

इस मामले में कांग्रेस के नेता विनोद शर्मा एवं किसान नेता कुंवर सिंह पटेल बताया कि ग्राम खड़हुली में मध्यप्रदेश शासन की भूमि, जो खसरे में चरनोई (चारागाह) एवं गैर हकदार के रूप में दर्ज थी, उसे तत्कालीन नायब तहसीलदार अमित मिश्रा, तहसीलदार भुवनेश्वर सिंह, अनुविभागीय अधिकारी नरेंद्र सिंह धुर्वे, तथा जिला कलेक्टर वंदना बेद्य की मिलीभगत से रिकॉर्ड से विलोपित कर दिया गया।

इन भूमियों में करीब 20 खसरा नंबर शामिल हैं, जिनमें प्रमुखतः खसरा क्रमांक 203/1/2, 203/2/2, 203/2/3, 108/2/2/1/1/2, 119/2/2, 117, 164, 199/2/2 आदि हैं। उक्त भूखंडों को नियमों के खिलाफ बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के निजी नामांतरण कर शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व में दर्शा दिया गया।

विनोद शर्मा ने बताया कि 25 मार्च 2025 को इस घोटाले की विस्तृत शिकायत अनुविभागीय अधिकारी, कलेक्टर शहडोल, आयुक्त, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को संदर्भित पत्र के माध्यम से की गई थी, परंतु आज दिनांक तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।

नेताओं का आरोप है कि यह सम्पूर्ण कृत्य राजस्व नियमों की धारा 248, 250 और 257 का खुला उल्लंघन है और इसमें शामिल अधिकारीगणों द्वारा जानबूझकर शासकीय भूमि को अवैध रूप से निजी स्वामित्व में परिवर्तित कर मध्यप्रदेश सरकार को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस प्रकरण में शीघ्र ही उच्चस्तरीय जांच एवं कड़ी कार्यवाही नहीं की गई, तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा और जन आंदोलन भी किया जाएगा। ज्ञापन सौंपते समय राजू पांडे, खेमराज साकेत, कौशल पटेल, टिंकू पांडे, रामकलेश रावत सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

परिवारजनों के नाम पर फर्जी विक्रय पत्र और रजिस्ट्री तैयार

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि तत्कालीन हल्का पटवारी राजेंद्र द्विवेदी ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपनी पत्नी छाया शुक्ला, माता मांडवी द्विवेदी, और रिश्तेदार दिवाकर तिवारी के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से रजिस्ट्री करवाई। इसी प्रकार पटवारी प्रदीप तिवारी (हल्का छतैनी) ने भी अपनी पत्नी लक्ष्मी रेशमा तिवारी, भाई संदीप तिवारी, माता पूर्णिमा तिवारी, और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर शासकीय भूमि को अवैध रूप से विक्रय कराया। इस पूरे प्रकरण को वैध ठहराने हेतु प्रकरण क्रमांक 0017/अ/74/2023-24 के अंतर्गत 3 अगस्त 2023 को आदेश पारित कर गैर हकदार शब्द हटाया गया, जबकि चरनोई  भूमि को बिना किसी सक्षम आदेश के ही निजी नामांतरित किया गया।