रीवा: अवैध कॉलोनी मामले में निगम आयुक्त के खिलाफ भू-स्वामियों का विरोध

नगर निगम रीवा द्वारा 10–15 साल पुरानी भूमि बिक्री को अवैध कॉलोनी बताकर वर्तमान बाजार मूल्य से डेढ़ गुना राशि की वसूली के विरोध में सोमवार को भू-स्वामियों ने कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। आरोप है कि नगर निगम द्वारा बिना नोटिस और सुनवाई के मनमानी कार्रवाई की जा रही है. जबकि नगर निगम ने टैक्स भी लिया और भवन निर्माण की अनुमति दी थी।

रीवा: अवैध कॉलोनी मामले में निगम आयुक्त के खिलाफ भू-स्वामियों का विरोध

नगर निगम रीवा द्वारा अवैध कॉलोनी के नाम पर पुराने भू-स्वामियों से की जा रही मनमानी वसूली के विरोध में शनिवार को अनिल सिंह, दीपक मिश्रा, डॉ. क़ाज़ी व अन्य भू-स्वामी साथियों ने कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन सौंपा।

भू-स्वामियों ने निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े पर आरोप लगाया कि वे पुराने जमीन विक्रय मामलों को अवैध कॉलोनी घोषित कर करोड़ों रुपये की वसूली की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों में भारी आक्रोश है।

ज्ञापन में कहा गया है कि 10  से 15 साल पहले जिन जमीनों की बिक्री की गई थी, उन्हें अब अवैध कॉलोनी बताकर डेढ़ गुना वर्तमान बाजार मूल्य से वसूली की जा रही है, जबकि उस समय भूमि की दरें नाममात्र थीं। विरोध करने वालों का कहना है कि जब भवन निर्माण हुआ, तब नगर निगम ने स्वीकृति दी, टैक्स वसूला और अब वर्षों बाद करोड़ों की राशि की नोटिस थमाई जा रही है। 

न सुनवाई, न सूचना – बिना प्रक्रिया के भेजे जा रहे नोटिस

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि नियमों का पालन किए बिना सीधे कार्रवाई की जा रही है, न तो सुनवाई का अवसर दिया गया, न ही सार्वजनिक सूचना जारी की गई।

साथ ही कई ऐसे लोगों को नोटिस भेजी गई है जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है, और जिनके पास कॉलोनी विकास का कोई उद्देश्य नहीं था, उन्होंने केवल घरेलू जरूरतों के लिए भूमि बेची थी।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि धारा 292 घ के तहत जो जिम्मेदारी नगर निगम के अधिकारियों की थी – जैसे समय पर सूचना देना, अवैध कॉलोनी रोकना, स्वीकृति न देना – उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, और अब आम जनता को परेशान किया जा रहा है।

भू-स्वामियों ने मांग की है कि इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई को तत्काल रोका जाए, और व्यवहारिक दरों के आधार पर समाधान निकाला जाए ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।