भगवान परशुराम के गगनभेदी जयकारे से गूंज उठा शहर
आकर्षक झांकियों के साथ निकली शोभायात्रा, जगत - जगत हुई पूजा अर्चना

रीवा । सांस्कृतिक आलोकपर्व बना भगवान परशुराम जयंती पर रीवा में निकाली गई शोभायात्रा, जिसने न केवल परशुराम के तपस्वी-यशस्वी व्यक्तित्व का स्मरण कराया, बल्कि आधुनिक भारत को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोडऩे का एक जीवंत प्रयास भी सिद्ध हुआ। 30 अप्रैल की शाम 5 बजे जब रामहर्षण कुंज मंदिर (पीटीएस) से शोभायात्रा आरंभ हुई, शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। शोभयात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। जयघोष से शहर गूंज उठा। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा निकाली गई इस शोभायात्रा का समापन कोठी कंपाउंड स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में पूजन के साथ किया गया। परशुराम जयंती को लेकर कई दिनों से तैयारियां चल रहीं थी। शहर में कई आयोजन हुए हैं।
मुख्य आयोजन अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा द्वारा शोभायात्रा के रूप में किया गया। शोभायात्रा में ऊधवदास महाराज, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्षक विजय मोहन तिवारी, सुनीति व्यास, शकुंतला मिश्रा, आरती मिश्रा, नर्मदा प्रसाद पयासी, जगन्नाथ शुक्ला, प्रमोद मिश्रा, ममता मिश्रा, रामलला शर्मा, अर्चना द्विवेदी, राकेश शर्मा, बसंत द्विवेदी दलबीर द्विवेदी, विकास पांडेय, बसंत द्विवेदी सहित काफी लोग शामिल हुए। हिन्दू धर्म परिषद ने हेमूकालाणी चौक पर शोभा यात्रा का स्वागत किया। शोभायात्रा सर्वधर्म समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। शोभायात्रा में शामिल महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे,पुरुषों ने सिर पर केसरिया साफा बांधा हुआ था, शोभायात्रा में भगवान परशुराम की जीवंत झांकियों का चित्रण किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में युवा बाइक रैली के रूप में शोभायात्रा में शामिल हुए।
मनकामेश्वर मंदिर में महाआरती की गई
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित संजय त्रिपाठी ने भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर कोठी शिवमंदिर में भगवान परशुराम की प्रतिमा पर विधिवत पूजा-अर्चना एवं आरती कर जन्मोत्सव मनाया। इस मौके पर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरे वातावरण में धार्मिक उल्लास देखने को मिला।पंडित संजय त्रिपाठी ने भगवान परशुराम के जीवन और आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परशुराम जी सिर्फ ब्राह्मण समाज के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव हैं। उन्होंने धर्म, न्याय और मर्यादा की रक्षा के लिए जो योगदान दिया, वह युगों तक प्रेरणादायक रहेगा। समारोह के दौरान भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण भी किया गया। स्थानीय ब्राह्मण समाज के अनेक पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु इस आयोजन में उपस्थित रहे। आयोजकों ने परशुराम जयंती को सामाजिक एकता, संस्कृति और सद्भाव का प्रतीक बताया। इस मौके पर विप्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीब शुक्ला, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, दुर्गेश दुबे, जेपी मिश्रा, नीरज दुबे, दिव्या तिवारी, मोहनलाल शुक्ला, राजकरण पाण्डेय, उमाकांत तिवारी, अशोक मिश्रा, काजल मिश्रा, शिवा गौतम, अजय त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।