मऊगंज जनपद अध्यक्ष ने दिया अल्टीमेटम, कार्यवाही नहीं हुई तो देंगे सामूहिक इस्तीफा

नवगठित मऊगंज ज़िला एक बार फिर विवादों में है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित 40 मिनट के सरकारी कार्यक्रम में 11 लाख से अधिक की राशि खर्च होने को लेकर घोटाले का आरोप लगा है। जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह परिहार ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जांच कर दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो वे जनपद सदस्यों के साथ सामूहिक इस्तीफा देंगी।

मऊगंज जनपद अध्यक्ष ने दिया अल्टीमेटम, कार्यवाही नहीं हुई तो देंगे सामूहिक इस्तीफा

राजेंद्र पयासी-मऊगंज

नवगठित मऊगंज जिला किसी न किसी विषय को लेकर सदा सुर्खियों में रहा है गड़रा कांड से मध्य प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में चर्चित हुआ मऊगंज जिला अब इन दिनों जल गंगा संवर्धन अभियान के भूमि पूजन कार्यक्रम दौरान कथित हुए लाखों के घोटाले को लेकर आए दिन सोशल मीडिया एवं अखबारों की सुर्खियां बटोर रहा है।

जनपद मऊगंज में हुए कथित घोटाले का मामला उस समय और सुर्खियों में आ गया जब जनपद अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को शिकायती पत्र देकर कहा यदि जांच  और दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो जनपद सदस्यों के साथ हम सभी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

आरोप है कि जल गंगा संवर्धन अभियान के नाम पर आयोजित महज 40 मिनट के सरकारी कार्यक्रम में करीब 11 लाख से अधिक रुपये खर्च कर दिए गए। यह कथित घोटाले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

इस आयोजन को लेकर जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह परिहार समेत कई जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। जनपद अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में कार्यवाही नहीं हुई, तो वे जनपद सदस्यों के साथ कलेक्ट्रेट के सामने धरना देंगी और फिर सामूहिक इस्तीफे की ओर कदम बढ़ाएंगी।

बता दें कि 17 अप्रैल 2025 को आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान के इस 40 मिनट के कार्यक्रम में इतनी बड़ी राशि कहा खर्च कर दी गई जिस विषय की कलेक्टर मऊगंज संजय कुमार जैन द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को आदेशित कर टीम गठित करते हुए जांच कराई जा रही है।

जल गंगा संवर्धन के नाम पर कथित तौर से हुए इस घोटाले की प्रथम दृष्टया जांच में जो तथ्य सामने आए हैं वह कार्यक्रम के नाम से गद्दे, चादर, टेंट, ड्राय फ्रूट, लाइट, नाश्ता और पानी जैसी सभी व्यवस्थाएं एक ही एजेंसी यानी इंटरप्राइजेज' से ली गईं।

आरोप है कि यह एजेंसी किसी भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता से जुड़ी है, जो विधायक के करीबी माने जाते हैं। इतना ही नहीं आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिस दुकान से गद्दे-चादरें किराए पर लेने की जानकारी सामने आई है। इस दुकान का मालिकाना हक भी एक ही परिवार से जुड़ा बताया जा रहा है।

जनपद अध्यक्ष का दावा है कि प्रारंभ में केवल ढाई लाख रुपये की स्वीकृति थी, लेकिन बिना समिति की अनुमति के इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर दिया गया।

फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले पैसे.?

इस मामले में जनपद के सहायक ग्रेड-3 राजमणि कहार ने आरोप लगाया है कि उनकी डिजिटल सिग्नेचर यानी डीएसपी जबरन लेकर बिल पास किए गए। जनपद के लिपिक ने कहा कि कई बिलों में उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। लिपिक द्वारा तत्संबध की शिकायत जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह को भी दी है।

इतना ही नहीं यह भी तथ्य सामने आए हैं की लिपिक का मोबाइल भी कथित रूप से जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों ने ले लिया था।

 कार्यक्रम दौरान हमने तो खुद खर्च किया

मऊगंज जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत खैरा के सरपंच प्रदीप पटेल ने कहा कि उन्होंने करीब 20 हजार रुपए खुद खर्च किए, लेकिन पंचायत फंड से कोई राशि नहीं निकाली गई। एक अन्य सरपंच ने भी बताया कि उन्होंने 50 हजार रुपए तक स्वयं खर्च किया, लेकिन जनपद से भुगतान नहीं हुआ। अब सवाल यह उठता है कि जब पंचायतों ने राशि खर्च नहीं की, तो जनपद के जिम्मेदारों द्वारा इतनी बड़ी रकम किसके आदेश पर और क्यों निकाली गई ?

पूर्व विधायक ने कहा चल रही है नीतिगत लूट-

मऊगंज जनपद में हुए लाखों रुपए के घोटाले को लेकर पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना ने इस पूरे मामले को 'आइसबर्ग की नोक' बताया और कहा कि यह कार्यक्रम जनता के लिए नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयोजित किया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब विधायकों और नेताओं के कार्यक्रमों के लिए सरपंचों व सचिवों पर दबाव डालकर फंड निकाला जाता है। पूर्व विधायक श्री बन्ना ने कहा कि आज स्थिति यह है कि गद्दे, खटिया, काजू किशमिश तक कार्यक्रम में ले जाते हैं और बिल लाखों में बनते हैं।

उन्होंने कहा यह कोई आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है, जिसे हर गांव का व्यक्ति जानता है।

जनपद अध्यक्ष का अल्टीमेटम

जनपद मऊगंज में कथित तौर से हुए घोटाले की जांच एवं कार्यवाही हेतु जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह परिहार ने दो बार यानी जून के प्रथम सप्ताह और जुलाई माह के तृतीय सप्ताह में कलेक्टर को लिखित शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

अब उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कार्यवाही नहीं हुई तो वे जनपद सदस्यों के साथ सामूहिक इस्तीफा देंगी