UN ने भारत को रोका ? विधायक नरेन्द्र प्रजापति के बयान से छिड़ी बहस
भारत और पकिस्तान के बीच सीजफायर काफी समय पहले ही हो गया है. इस बीच मनगंवा के विधायक नरेन्द्र प्रजापति का एक बयान काफी सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल हाल ही में नरेन्द्र प्रजापति यह कहते नजर आये की अगर UN दोनों देशों को सीजफायर का आदेश नहीं देता तो भारत पाकिस्तान को करारा जवाब देता।मतलब स्पष्ट है कि भाजपा विधायक स्वीकार कर रहें हैं कि भारत UN के आदेशों पर चलता है.

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से सीमा पर शांति बनी हुई है, दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर समझौता हो चुका है। लेकिन इस शांत माहौल के बीच मनगंवा के भाजपा विधायक नरेन्द्र प्रजापति का एक बयान अब सुर्खियों में आ गया है, जिसने एक नई राजनीतिक और कूटनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।
दरअसल, विधायक प्रजापति हाल ही में एक कार्यक्रम में यह कहते नजर आए कि, "अगर संयुक्त राष्ट्र (UN) दोनों देशों को सीजफायर का आदेश न देता, तो भारत पाकिस्तान को करारा जवाब देता।" उन्होंने आगे कहा, “भारत ने 1965 और 1971 की लड़ाइयों में पाकिस्तान को धूल चटाई है और भविष्य में भी ऐसा करने में सक्षम है। यदि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाया जा रहा 'ऑपरेशन सिन्दूर' जारी रहता, तो पाकिस्तान को इसका परिणाम भुगतना पड़ता।”
UN के आदेश का हवाला – क्या यह संकेत है कि भारत वैश्विक दबाव में है?
विधायक प्रजापति के इस बयान में यह बात भी स्पष्ट होती है कि भारत ने सीजफायर का निर्णय अंतरराष्ट्रीय दबाव, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के आदेश के चलते लिया। इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई को वैश्विक शांति और कूटनीतिक प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए रोका।
हालांकि, इस बयान के बाद विपक्षी दलों और सुरक्षा मामलों के जानकारों ने सवाल उठाया है कि क्या भाजपा के जनप्रतिनिधि यह स्वीकार कर रहे हैं कि भारत की संप्रभु निर्णय प्रक्रिया पर UN या अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का असर है? विधायक के इस बयान पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस बयान की तीखी आलोचना हो रही है।