Bhopal News : यह है स्मार्ट सिटी का हाल, दस साल बाद भी रोड नेटवर्क अधूरा
भोपाल टीटी नगर स्थित स्मार्ट सिटी एरिया में रोड नेटवर्क दस साल बाद भी अधूरा है। लक्ष्य के मुकाबले अब तक 50 फीसदी सड़कें ही बना पाई हैं। ऐसे में बाकी कार्य होने कुछ और साल लगने की संभावता जताई जा रही है। वर्ष 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत हुई थी।

भोपाल. टीटी नगर स्थित स्मार्ट सिटी एरिया में रोड नेटवर्क दस साल बाद भी अधूरा है। लक्ष्य के मुकाबले अब तक 50 फीसदी सड़कें ही बना पाई हैं। ऐसे में बाकी कार्य होने कुछ और साल लगने की संभावता जताई जा रही है। वर्ष 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत हुई थी। पहले चरण में भोपाल, इंदौर जैसे शहरों का चयन किया गया था। राज्य शासन ने स्मार्ट सिटी को आकार देने के लिए राजधानी में 342 एकड़ जमीन आवंटित की है। वहां आवासीय व व्यवसायिक प्रोजेक्ट करने के साथ ही बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, सीवेज, वॉटर सप्लाई भी विकसित किया जा रहा है। टीटी नगर स्थित एरिया बेस्ड डेवलपमेंट एरिया में सड़कों की लंबाई 17 किमी है। इसमें से छह किमी से कुछ अधिक लंबी सड़कें ही बनाई जा सकी हैं।
152 करोड़ से बनना थी सड़कें, सभी तय समय से लेट
स्मार्ट सिटी ने लगभग 152 करोड़ रुपए की लागत से टीटी नगर में सड़कों के नेटवर्क की प्लानिंग की। यह कार्य पांच अलग-अलग चरणों में किया गया। पहले फेज में 12, 30 व 45 मीटर की स्मार्ट रोड के निर्माण पर 41.23 करोड़ खर्च किया गया। फिर 32.11 करोड़ से 6, 12, 18 व 45 मीटर की सड़कें, चौथे चरण में 44.33 करोड़ से 6, 18, 24 व 30 मीटर चौड़ी सड़कें बनाई गई। अधिकांश सड़कें तय समय में नहीं बन पाई। पांचवे फेज में 6, 12, 18, 24 व 30 मीटर की स्मार्ट सड़कों की प्रगति भी तय समय सीमा के मुताबिक नहीं रही।
स्मार्ट रोड और बोलेवर्ड स्ट्रीट भी पिछड़ी
स्मार्ट सिटी ने प्लेटिनम प्लाजा से जवाहर चौक तक बोलेवर्ड स्ट्रीट और पॉलीटेक्निक से डिपो चौराहा तक स्मार्ट रोड का निर्माण भी कराया है। स्मार्ट रोड पर साइकिल ट्रेक भी बनाया है। यह दोनों प्रोजेक्ट भी समय पर पूरे नहीं हो पाए थे। हालांकि, इन दोनों सड़कों के निर्माण में मकानों, दुकानों का रोड़ा था। इनकी शिफ्टिंग के लिए स्मार्ट सिटी को काफी मशक्कत करना पड़ी थी और प्रभावितों के साथ नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था।
विरोध के वजह से ड्रॉप हो गई रंगमहल रोड
रंगमहल चौराहा से जवाहर चौक तक की मौजूदा सड़क को चौड़ा करने की प्लानिंग भी स्मार्ट सिटी ने की थी। उद्देश्य यह था कि इस मार्ग पर ट्रेफिक का दबाव काफी बढ़ चुका है। चौड़ा करने से वाहनों की आवाजाही आसान हो जाएगा। यह मार्ग जवाहर चौक के पास बोलेवर्ड स्ट्रीट से जोड़ता है। ऐसे में रंगमहल से लेकर माता मंदिर तक चौड़ा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाता। शुरुआती योजना के मुताबिक सड़क को चौड़ा करने की जद में टीटी नगर, जवाहर चौक की दुकानों के साथ एमएलए क्वाटर्स के कुछ मकान आ रहे थे। ऐसे में इन सभी ने संयुक्त मोर्चा बना कर प्रस्तावित सड़क का विरोध शुरू कर दिया था। कांग्रेस के तत्कालीन विधायक ने भी उनका साथ दिया। इस वजह से स्मार्ट सिटी को सड़क के चौड़ीकरण का प्लान छोड़ना पड़ा।