छात्रों के लिए APAAR ID इस सत्र वैकल्पिक, अगले साल से अनिवार्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत छात्रों के लिए बनाई जा रही ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट (अपार आईडी) सत्र 2025-26 के लिए वैकल्पिक कर दी गई है। रीवा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिन विद्यार्थियों की अपार आईडी अभी नहीं बनी है, वे बिना किसी रुकावट के परीक्षा फॉर्म भर सकेंगे। हालांकि शिक्षा सत्र 2026-27 से यह आईडी अनिवार्य कर दी जाएगी।

पब्लिक वाणी मऊगंज | सबा रसूल
प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों मेंअध्यनरत छात्र-छात्राओं के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर बनाई जाने वाली ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट (अपार आईडी) इस शिक्षा सत्र 2025-26 में अब वैकल्पिक कर दी गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीवा से मिली जानकारी के अनुसार जिन विद्यार्थियों की आईडी नहीं बन पाई है, वे बिना किसी परेशानी के परीक्षा फॉर्म भर सकेंगे। यह व्यवस्था केवल इस सत्र के लिए है, जबकि अगले सत्र 2026-27 से अपार आईडी अनिवार्य होगी।
अपार आईडी 12 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी पहल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से एक स्थान पर सुरक्षित रखना है, जिससे संस्थान बदलने और प्रगति ट्रैक करने में आसानी हो सके।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, अपार आईडी लागू होने से एक ही छात्र का नाम कई स्कूलों या मदरसों में जोड़कर सरकारी योजनाओं का फर्जी लाभ उठाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। पहले कई मामलों में सरकारी और निजी दोनों जगहों पर एक ही बच्चे का नाम दर्ज कर स्कॉलरशिप और मध्यान्ह भोजन जैसी योजनाओं में गड़बड़ी की जाती थी।
इन्होंने कहा-
शासन के आदेशानुसार इस वर्ष कक्षा 9वीं से 12वीं तक के आवेदन पत्रों में अपार आईडी वैकल्पिक रहेगी, लेकिन सत्र 2026-27 से यह सभी के लिए अनिवार्य होगी।
रामराज मिश्र
जिला शिक्षा अधिकारी रीवा