New Income Tax Bill: न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 में क्या है खास, टेक्सपेयर्स को जनना है जरूरी

लोकसभा में न्यू इनकम टैक्स बिल 11 अगस्त को लागू कर दिया गया

New Income Tax Bill: न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 में क्या है खास, टेक्सपेयर्स को जनना है जरूरी

New Income Tax Bill: लोकसभा में न्यू इनकम टैक्स बिल 11 अगस्त को लागू कर दिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सितारमण (Nirmala sitharaman) ने बिल को पेश किए जाने के तुरंत बाद आयकर विधायक 2025 पारित कर दिया. लोकसभा में इनकम टैक्स का संशोधित बिल पेश किया. जिसमें बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमेटी की अधिकांश सिफारिशें शामिल है. सितारमण ने इनकम टैक्स  से संबंधित कानून में संशोधन और इसे मजबूत बनाने के प्रावधान वाला आयकर विधेयक, 2025 पेश किया. साथ ही उन्होंने टैक्सेशन अधिनियन विधेयक 2025 भी सदन में पेश किया. 

न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 में क्या है?

What is in the New Income Tax Bill 2025: बिल के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है, सलेक्ट कमेटी की लगभग सभी सिफारिशें सरकार ने स्वीकार कर ली है. इसके अलावा, हितधारकों से ऐसे बदलावों के बारे में सुझाव मिले हैं. जो प्रस्तावित कानूनी अर्थ और अधिक सटीक से व्यक्त करेंगे. बता दें कि सरकार ने बीते 14 फरवारी को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया था. भारतीय जनता पार्टी के सांसद बैजयंत पांडा वाली प्रवर समिति ने इसमें कुछ बदलाव की सिफारिशे की थी. यह बिल शुक्रवार को सदन से वापस लिया गया था. बिल में कहा गया है, मसौदे की प्रकृति, वाक्यांशों के संरेखण, परिणामी परिवर्तनों और परस्पर संदर्भों में सुधार किए गए हैं. इसलिए, सरकार ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया. परिणामस्वरूप, आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेने के लिए आयकर विधेयक, 2025 तैयार किया गया है. 

बिल के बारे में क्या बोली निर्मला सितारमण

New Income Tax Bill 2025: लोकसभा में विधेयक पेश करते समय वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने कहा कि बिल के लिए कई सुझाव प्राप्त हुए. जिन्हें सही विधायी अर्थ में शामिल करना जरूरी था. सितारमण ने कहा कि ड्राफ्टिंग के नेचर, वाक्यांशों के अलाइनमेंट, रिजल्टिंग चेंजेस और क्रॉस रेफरेंसिंग में सुधार किए गए हैं. भ्रम से बचने के लिए पहले वाले बिल को वापस ले लिया गया था. अब नया इनकम टैक्स बिल 2025 लोकसभा में पारित हो गया है.

बिल के लाए जाने की वजह? 

नए कानून का उद्देश्य कर प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पिछली कमियों को दूर करना है, जिससे देश में आयकर परिदृश्य में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है. पिछले सप्ताह, इनकम टैक्स बिल, 2025 को सरकार ने औपचारिक रूप से वापस ले लिया, जिसे 13 फरवरी को लोकसभा में मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर पेश किया गया था. 

टेक्सपेयर्स को मिलेगा फायदा 

आरटीआर की अनिवार्यता में ढील: सिर्फ टीडीएस वापसी के लिए अब पूरा आईटीआर दाखिल करना जरूरी नहीं होगा. इसके बजाय एक सरल फॉर्म भरने का प्रस्ताव है. 

देर से रिटर्न भरने पर भी रिफंड: पहले प्रस्ताव के मुताबिक, एक तय समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल करने पर रिफंड नहीं मिलता था. समिति ने इसमें बदलाव की सिफारिश की है.ताकि देर से रिटर्न भरने वालों को भी रिफंड मिल सके. 

शुन्य टीडीएस सर्टिफिकेट: करदाताओं को यह सुविधा मिल सकेगी कि वे टैक्स कटने से पहले ही शून्य टीडीएस का सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी आय पर टैक्स नहीं कटेगा. 

किन लोगों को होगा बिल से फायदा 

स्वरोजगार करने वाले पेशेवर: जैसे डॉक्टर, वकील, कलाकार या फ्रीलांसर जिन्होंने खुद से मान्यता प्राप्त पेंशन फंड में निवेश किया है. ऐसे निजी क्षेत्र के कर्मचारी, जिनकी कंपनी की कोई पेंशन योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने खुद किसी स्वीक्रत पेंशन योजना में पैसा लगाया है.

कानून वारिस या नामांकित व्यक्ति: अगर पेंशन खाताधारक की मृत्यु हो जाए. तो उसके आश्रितों या नामित व्यक्ति को मिलने वाली एकमुश्त राशि पर भी छूट मिल सकेगी.